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एलन मस्क का दावा…ब्रेन-चिप कर रही है काम, सिर्फ सोचने भर से माउस चला रहा मरीज

Elon Musk's company Neuralink: अमरीकी अरबपति एलन मस्क की कंपनी न्यूरालिंक ने पिछले महीने पहली बार एक मरीज के ब्रेन में चिप लगाई थी। इसे लेकर मस्क ने दावा किया है कि मरीज पूरी तरह ठीक है। वह सिर्फ सोचने मात्र से कंप्यूटर माउस इस्तेमाल कर पा रहा है।

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Elon Musk's company Neuralink

एलन मस्क का दावा न्यूरालिंक ब्रेन-चिप कर रही है काम

Elon Musk's company Neuralink: अमरीकी अरबपति एलन मस्क की कंपनी न्यूरालिंक ने पिछले महीने पहली बार एक मरीज के ब्रेन में चिप लगाई थी। इसे लेकर मस्क ने दावा किया है कि मरीज पूरी तरह ठीक है। वह सिर्फ सोचने मात्र से कंप्यूटर माउस इस्तेमाल कर पा रहा है। उस पर चिप इंप्लांट का कोई दुष्प्रभाव अभी तक नहीं दिखा है। सोशल मीडिया मंच एक्स पर मस्क ने बताया कि ब्रेन चिप इंप्लांट वाला पहला इंसानी मरीज पूरी तरह ठीक हो गया है। वह सिर्फ सोचकर स्क्रीन के चारों ओर माउस घुमाने में सक्षम है। अब न्यूरालिंक इस मरीज से ज्यादा से ज्यादा माउस क्लिक कराने का प्रयास कर रही है। हालांकि कंपनी की तरफ से अभी तक इस मामले में कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं आई है। न्यूरालिंक को पिछले साल सितंबर में इंसानों में ब्रेन-चिप टेस्ट करने की इजाजत मिली थी।

रोबॉट ने लगाई थी चिप

न्यूरालिंक ने इस प्रयोग के लिए वॉलंटियर चुने थे। इनमें से एक मरीज के दिमाग पर रोबॉट ने ब्रेन-चिप लगाई थी। इसे दिमाग के उस हिस्से में लगाया गया, जो हमारे हिलने-डुलने को नियंत्रित करता है। न्यूरालिंक का कहना है कि उसका प्राथमिक लक्ष्य मरीजों को केवल अपनी सोच के जरिए कंप्यूटर कीबोर्ड को कंट्रोल करने लायक बनाना है। मस्क के दावे के अनुसार कंपनी ने इसमें कुछ हद तक कामयाबी पा ली है।

बीमारियों के इलाज में मदद

कंपनी का लक्ष्य 2030 तक 22 हजार लोगों पर ब्रेन चिप को इंप्लांट करने का है। मस्क का कहना है कि इस ब्रेन-चिप की मदद से मोटापा, डिप्रेशन और स्कित्सोफ्रीनिया जैसी मनोविकार का इलाज किया जा सकता है। हालांकि वह पहले लकवाग्रस्त लोगों की मदद करना चाहते हैं।

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