कम ब्याज दर, कम दस्तावेजों की जरूरत और तत्काल प्रोसेसिंग के कारण लोग गोल्ड लोन को प्राथमिकता देते हैं। आभूषण को गिरवी रखकर दिया जाने वाला यह ऋण खासतौर पर आपातकालीन स्थितियों के दौरान तात्कालिक वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए उपयोगी होता है। गोल्ड लोन की ब्याज दरें 8.8 से 19 फीसदी के दायरे में होती हैं।
सत्यापन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद कुछ ही घंटों में ऋण का आवंटन हो जाता है। रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों के अनुसार एलटीवी अनुपात 75 फीसदी से अधिक नहीं हो सकता। इसका मतलब है कि अगर सोने का मूल्य 100 रुपए है तो ऋण की ऊपरी सीमा 75 रुपए होगी।
गोल्ड लोन के लिए केवल पता और पहचान के प्रमाण की जरूरत होती है। इसके लिए आय का प्रमाण देने की जरूरत नहीं होती। ऋणदाता भी आरबीआइ के दिशानिर्देशों का पालन करते हैं और उधारकर्ताओं के केवाइसी विवरण को सत्यापित करते हैं। गोल्ड लोन देने की प्रक्रिया भी आसान है। इसमें सोने की मात्रा और शुद्धता के भौतिक सत्यापन में कुछ समय लगता है।
अधिकतर ऋण की रकम का 0.25 से 2 फीसदी तक प्रोसेसिंग शुल्क लेते हैं। कुछ ऋणदाता इसके लिए एक निश्चित रकम लेते हैं जबकि कुछ इसे माफ भी कर देते हैं। गोल्ड लोन की अवधि 3 महीने से 5 साल के बीच होती है।
-जगमोहन शर्मा