
मुंबई. देश के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार छठे सप्ताह तेजी दर्ज की गई और 19 जनवरी को समाप्त सप्ताह में यह 95.91 करोड़ डॉलर की वृद्धि के साथ 414.78 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। इससे पहले 12 जनवरी को समाप्त सप्ताह में 2.70 अरब डॉलर बढ़कर यह 413.83 अरब डॉलर पर रहा था। रिजर्व बैंक द्वारा आज यहां जारी आंकड़ों के अनुसार, 19 जनवरी को समाप्त सप्ताह के विदेशी मुद्रा भंडार के सबसे बड़े घटक विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति में 93.46 करोड़ डॉलर की वृद्धि हुई और यह 390.77 अरब डॉलर पर पहुंच गया। स्वर्ण भंडार 20.42 अरब डॉलर पर स्थिर रहा। आलोच्य सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के पास आरक्षित निधि भी 1.41 करोड़ डॉलर बढ़कर सप्ताहांत पर 2.06 अरब डॉलर पर और विशेष आहरण अधिकार 1.04 करोड़ डॉलर बढ़कर 1.53 अरब डॉलर पर रहा।
1971 में किया गया था गठन
विदेशी मुद्रा बाजार, 1971 में गठन किया गया था, जब अंतरराष्ट्रीय व्यापार से स्थानांतरित अस्थायी विनिमय दर के लिए तय. यह निर्दिष्ट रकम का आदान - प्रदान के लिए बाजार के विदेशी मुद्रा लेनदेन के एजेंटों के एक संग्रह है पर एक सहमति व्यक्त की दर पर किसी अन्य के लिए एक देश की मुद्रा की मुद्रा एक निश्चित तारीख, एक दूसरे के रिश्तेदार मुद्रा की विनिमय दर पर निर्धारित किया जाता है।
लगातार बढ़ रही लेनदेन
वैश्विक विदेशी मुद्रा बाजार में लेनदेन की मात्रा लगातार बढ़ रही है। यह अंतरराष्ट्रीय व्यापार के विकास और मुद्रा प्रतिबंध के उन्मूलन के साथ जुड़ा हुआ है कई देशों। अपने लेनदेन की मात्रा पर ही प्रभावशाली है, नहीं है, लेकिन यह भी दर है, जो बाजार के विकास के रूप में चिह्नित है।
विदेशी मुद्रा की तरलता
बाजार बहुत बड़ा संचालित पैसे की और पूरा को खोलने के लिए या इस समय एक मौजूदा स्थिति को बंद करने की स्वतंत्रता देता है बाजार उद्धरण। उच्च तरलता के लिए एक शक्तिशाली चुंबक है क्योंकि किसी भी निवेशक, वह उसके लिए खुला है और किसी भी मात्रा की स्थिति को बंद करने की स्वतंत्रता देता है।
Published on:
26 Jan 2018 05:39 pm
बड़ी खबरें
View Allकारोबार
ट्रेंडिंग
