7th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी! खाते में आने वाली है बढ़ी हुई सैलरी
MORTH has issued a draft notification proposing that registration of motor vehicles owned by Central Govt, State/UT Govts, Local Govt institutions, PSUs, State Transport Undertakings, Autonomous bodies with Central / State Govts, will not be renewed after 15 years. pic.twitter.com/UbK3vS6bzv
— MORTHINDIA (@MORTHIndia) March 13, 2021
तेजी से फैल रहे प्रदूषण को देखते हुए मंत्रालय ने यह फैसला किया है। जिसके तहत जिसके वाहन 15 साल से अधिक पुराने है वे लोग इन नियमों को अच्छी तरह से समझ ले और सतर्क हो जाएं। सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने एक ट्वीट में कहा, "एक अप्रैल 2022 से, सरकारी विभाग 15 साल के बाद अपने वाहनों के पंजीकरण के प्रमाण पत्र को नवीनीकृत नहीं करा पाएंगे। इसके बाद सरकारी विभाग की गाड़ियां 15 साल पूरा होने के बाद सर्विस से बाहर निकाल दी जाएंगी और उन्हें कबाड़ घोषित कर दिए जाएगा। जल्द ही इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी जाएगी।
परिवहन से जुड़े नियमों में यह बदलाव भी किया गया है कि आठ वर्ष से अधिक पुराने सभी वाहनों को ग्रीन टैक्स देना होगा। यह रोड टैक्स का 10-25 फीसदी हो सकता है। पर्यावरण सुरक्षा के लिए कई अहम बदलावों के तहत केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।इन प्रस्ताव को पेश करने से पहले इस मामले में राज्यों से सलाह ली जाएगी। प्रस्ताव को राज्यों के पास भेजा जा रहा है। मंत्रालय के अनुमान के मुताबिक वाहनों से होने वाले प्रदूषण में वर्ष 2000 से पहले निर्मित वाहन 15 फीसद का योगदान रखते हैं। हालांकि कुल वाहनों में इनकी संख्या एक फीसदी से भी कम है।
बता दें कि एक फरवरी को पेश किए गए आम बजट में सरकार ने वाहन कबाड़ नीति की घोषणा की थी। जिसके तहत निजी वाहनों का 20 साल बाद और वाणिज्यिक वाहनों का 15 साल पूरे होने पर फिटनेस परीक्षण कराना जरूरी है। मंत्रालय ने नियमों के मसौदे पर अधिसूचना 12 मार्च को जारी की है। इस पर अंशधारकों से 30 दिन में टिप्पणियां, आपत्तियां और सुझाव आमंत्रित किए गए हैं।