
police verification
कानून के अंतर्गत मकान मालिकों के लिए अपने किराएदारों का पुलिस वेरिफिकेशन (जांच) अनिवार्य है। कोई भी चूक होने पर जेल हो सकती है या जुर्माना भी भरना पड़ सकता है। किराएदार के वेरिफिकेशन के मामले में जुर्माना काफी कम है, इसलिए नियमों का पालन अक्सर नहीं किया जाता है।
कई बार किराएदार ठीक लगता है या आपका अच्छा जानकार है या प्रक्रिया का पालन करने की परेशानी से कई बार बचने के लिए आप वेरिफिकेशन नहीं करवाते हैं। लेकिन यदि किसी किराएदार ने कोई नुकसान या गैरकानूनी काम नहीं किया है तब भी वेरिफिकेशन नहीं करवाने के लिए मकान मालिक को कानून के अनुसार जुर्माना या कारावास या दोनों से दंडित किया जा सकता है।
यह एक महत्त्वपूर्ण प्रक्रिया है जिसमें पहचान और पते की पुष्टि होती है, जो सुरक्षा के लिए महत्त्वपूर्ण है। भारत के विभिन्न राज्यों में पुलिस वेरिफिकेशन की प्रक्रिया भिन्न-भिन्न होती है। आपको थाने से एक साधारण फॉर्म लेकर उसे किराएदार की पहचान संबंधी दस्तावेज के साथ जमा करना होता है। इसमें किसी तरह का शुल्क नहीं होता है। इस प्रक्रिया को ऑनलॉइन भी पूरा किया जा सकता है।
-विकास सोमानी, एडवोकेट
Published on:
11 Aug 2024 12:15 pm
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