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Whatsapp Link Scam: 78 साल के कारोबारी से लगभग 19 करोड़ रुपये की ठगी, जानिए पूरी कहानी

Whatsapp Link Scam: दिल्ली में साइबर फ्रॉड का एक बड़ा मामला सामने आया है। 78 साल के बूढ़े कारोबारी के साथ WhatsApp लिंक के जरिए ठगी की गई। जानिए कैसे पीड़ित ने 18.80 करोड़ रुपये गंवा दिए।

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भारत

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Thalaz Sharma

Dec 22, 2025

Whatsapp Scam

IPO निवेश का झांसा देकर करीब 19 करोड़ रुपये की ठगी की गई। (PC: Pexels)

Whatsapp Link Scam: दिल्ली में सामने आए एक बड़े साइबर फ्रॉड ने एक बार फिर यह दिखा दिया है कि “जल्दी और ज्यादा मुनाफे” का लालच किस तरह लोगों को जाल में फंसा देता है। 78 साल के एक कारोबारी को WhatsApp पर भेजे गए एक लिंक के जरिए IPO में निवेश का झांसा देकर करीब 19 करोड़ रुपये की ठगी कर ली गई। यह मामला दिल्ली में दर्ज साइबर फ्रॉड मामलों में अब तक का दूसरा सबसे बड़ा मामला बताया जा रहा है। पीड़ित ने बताया कि उन्हें 30% तक रिटर्न का भरोसा दिलाया गया था और सब कुछ इतना असली लग रहा था कि शक की गुंजाइश ही नहीं लगी।

WhatsApp Group Invite से हुई शुरुआत

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, पीड़ित को जुलाई 2024 में एक अनजान नंबर से WhatsApp ग्रुप में जुड़ने का मैसेज (invite) मिला। ग्रुप में करीब 50 सदस्य थे, जिनमें से 7 एडमिन थे। सुबह 9 से शाम 4 बजे तक ग्रुप में शेयर बाजार, मुनाफे और IPO से जुड़ी चर्चाएं होती थीं। ग्रुप के कई सदस्य बड़े मुनाफों का दावा कर रहे थे। ​थोड़ा यकीन बढ़ने के बाद, पीड़ित ने ग्रुप के एडमिन से मैसेज करके पूछा कि निवेश कैसे किया जा सकता है। इसके लिए पीड़ित को एक ऐप डाउनलोड करवाई गई। इस ऐप में निवेश, बैलेंस, मुनाफा और बैंक ट्रांजैक्शन जैसे सभी आंकड़े दिखाई दे रहे थे।

मिनिमम 25 लाख रुपये के निवेश से शुरु

ऐप के इंटरफेस और आंकड़ों ने 78 साल के कारोबारी का भरोसा और बढ़ा दिया। उस समय उन्हें ऐसे किसी स्कैम की कोई जानकारी नहीं थी। उन्होंने 25 लाख रुपये के निवेश से शुरुआत की। ऐप पर दिख रहे करीब 30% के “मुनाफे” ने उनका भरोसा और गहरा कर दिया। इसी भरोसे में उन्होंने कुल 18.80 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए। ऐप के कथि​त कर्मचारियों ने उन्हें यकीन दिलाया कि उन्हें 80 करोड़ रुपये तक का मुनाफा हो सकता है। कुछ दिन रुकने के बाद असली समस्या शुरू हुई।

ठगी के बाद कर दिया ब्लॉक

असलियत तब सामने आई जब उन्होंने मुनाफे की रकम निकालने की कोशिश की। कभी तकनीकी कारण बताकर उनकी रिक्वेस्ट कैंसिल कर दी गई तो कभी नए निवेश का दबाव बनाया गया। जब पीड़ित ने कहा कि उनके पास निवेश के लिए और पैसा नहीं है, तो उन्हें लोन लेने का ऑफर भी दिया गया। जब उन्होंने और पैसा लगाने से मना किया, तो अचानक ऐप से उनका एक्सेस बंद कर दिया गया और सभी WhatsApp नंबर भी बंद हो गए। यहीं उन्हें एहसास हुआ कि उनके साथ ठगी हो चुकी है। मानसिक सदमे और डर के बावजूद उन्होंने नवंबर 2024 में हिम्मत जुटाकर साइबर क्राइम हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराई।

Delhi IFSO ने की जांच

Delhi IFSO की जांच में पता चला कि यह पूरा रैकेट विदेश से ऑपरेट हो रहा था। ठगी की रकम पहले कई म्यूल अकाउंट्स में घुमाई गई, फिर क्रिप्टोकरेंसी में बदलकर बाहर भेज दी गई। पुलिस ने देश के अलग-अलग राज्यों से करीब 20 लोगों को पकड़ा। ज्यादातर पकड़े गए लोग बेरोजगार थे और रैकेट की असलियत से अंजान थे। ठगों ने उन 20 लोगों को बताया कि पैसा ऑनलाइन गेमिंग से आ रहा है। ये पैसा अपने खाते में रखने के लिए उन्हें कुछ कमिशन देने का वादा भी किया गया था।

केवल 1 करोड़ रुपये बचा पाए

पुलिस अफसर ने बताया की पीड़ित ने शिकायत करने में देर कर दी थी। दरअसल, ठगी के एक घंटे तक शिकायत का गोल्डन आवर (Golden Hour) होता है। शिकायत में देरी होने के कारण लगभग पैसा विदेश ट्रांसफर हो चुका था। करीब 1 करोड़ रुपये की राशि ही फ्रीज की जा सकी थी। यह मामला एक सख्त चेतावनी है कि WhatsApp, सोशल मीडिया या किसी अनजान ऐप पर दिखने वाले “गारंटीड रिटर्न” के दावों से बेहद सावधान रहने की जरूरत है। क्योंकि एक छोटी सी चूक जिंदगी भर की कमाई छीन सकती है।