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Gold Price Blast: ईरान-इज़राइल जंग के बीच दुनिया में महंगा और भारत में सस्ता हुआ सोना, जानिए नए भाव

Gold Price India:ईरान-इजराइल जंग के असर से सोने की कीमतों में तेज़ उछाल के बाद 14 जून को भारत में भावों में हल्की गिरावट दर्ज की गई।

भारत

MI Zahir

Jun 15, 2025

Gold Price Blast
भारत में सोने के भावों ने चौंका दिया है। (फोटो: पत्रिका)

Gold Price India: ईरान और इज़राइल के बीच छिड़ी जंग से दुनिया भर में गोल्ड (Iran Israel war impact on gold) की कीमतों में आग लगी है, वहीं 14 जून 2025 को भारत में सोना सस्ता (Gold price India) हो गया। बाजार के अनुसार दिल्ली में 24 कैरेट गोल्ड ₹73,444 और 22 कैरेट ₹67,275 प्रति 10 ग्राम (MCX gold rate) दर्ज किया गया। निवेशकों के लिए यह गिरावट राहत की खबर है, खासतौर पर तब जब ग्लोबल मार्केट में गोल्ड एमसीएक्स पर ₹1,01,680 प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड हाई तक पहुंच चुका है।

गिरावट की वजह: अमेरिका से आई 'नरम' खबर

भारतीय बाजार में यह गिरावट ऐसे वक्त पर आई जब अमेरिका के प्रोड्यूसर प्राइस इंडेक्स (PPI) के आंकड़े अपेक्षा से ठंडे रहे। इससे डॉलर में कमजोरी आई और गोल्ड की कीमतों पर दबाव बना। साथ ही निवेशकों ने बीते दिनों की तेज़ बढ़त के बाद मुनाफा वसूली शुरू कर दी, जिससे भारत में दाम थोड़े नरम पड़े। विशेषज्ञों का मानना है कि यह गिरावट लाभ-प्राप्ति (profit-taking) के कारण हुई है। इसके बावजूद, सोने की कीमतें अभी भी ऐतिहासिक उच्चतम स्तरों के पास बनी हुई हैं।

दुनिया में सुरक्षित निवेश माने जाने वाले सोने की कीमतों में तेजी आई

उल्लेखनीय है कि ईरान और इज़राइल के बीच बढ़ते सैन्य संघर्ष ने वैश्विक बाजारों में अस्थिरता पैदा कर दी है, जिससे सुरक्षित निवेश के रूप में माने जाने वाले सोने की कीमतों में तेजी आई है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर 24 कैरेट सोने की कीमत ₹1,01,680 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई है, जो एक नया रिकॉर्ड है। इससे पहले 13 जून को सोने की कीमत ₹99,170 प्रति 10 ग्राम थी, यानी एक सप्ताह में ₹2,510 की वृद्धि हुई है।

सैन्य संघर्ष के कारण वैश्विक बाजारों में अस्थिरता

विशेषज्ञों के अनुसार, दुनिया में सेाने के भाव में इस वृद्धि का मुख्य कारण ईरान और इज़राइल के बीच बढ़ते सैन्य संघर्ष के कारण वैश्विक बाजारों में अस्थिरता है। इस संघर्ष के कारण तेल की कीमतों में भी वृद्धि हुई है, जिससे सोने की मांग बढ़ी है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि संघर्ष जारी रहता है, तो सोने की कीमतों में और वृद्धि हो सकती है।

भारत में सोने की कीमतों में गिरावट के प्रमुख कारण

मुनाफा वसूली: 13 जून को रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के बाद निवेशकों ने मुनाफा वसूली की, जिससे कीमतों में गिरावट आई।

वैश्विक बाजार की स्थिति: अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सोने की कीमतों में गिरावट का असर भारतीय बाजारों पर भी पड़ा।

विभिन्न शुद्धताओं के अनुसार सोने की कीमतें

शुद्धता कीमत (₹ प्रति 10 ग्राम)
22 कैरेट ₹65,900
24 कैरेट ₹71,890

निवेशकों के लिए सुझाव

मांग और आपूर्ति: सोने की कीमतें वैश्विक आपूर्ति और मांग के आधार पर प्रभावित होती हैं।

स्थानीय बाजार: भारत में सोने की कीमतें स्थानीय मांग और त्योहारी सीजन के आधार पर बदल सकती हैं।

दीर्घकालिक निवेश: सोना एक सुरक्षित निवेश माना जाता है, लेकिन कीमतों में उतार-चढ़ाव को ध्यान में रखते हुए निवेश करना चाहिए।

निवेशकों की मिली-जुली प्रतिक्रिया

निवेशकों के बीच इस गिरावट को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कुछ इसे खरीदारी का सुनहरा मौका मान रहे हैं, तो कुछ इसे केवल शॉर्ट टर्म करेक्शन बता रहे हैं।

फॉलो-अप: क्या सोने की कीमतें फिर चढ़ेंगी ?

विशेषज्ञों के अनुसार अगर ईरान-इज़राइल संघर्ष और बढ़ता है या अमेरिका फेड की नीति में बदलाव करता है, तो सोने की कीमतें एक बार फिर ₹1 लाख के पार जा सकती हैं। इसलिए आने वाले हफ्ते बेहद अहम माने जा रहे हैं।

साइड एंगल: चांदी भी नहीं रही पीछे

बाजार के अनुसार जब सबकी नजर सोने पर थी, चांदी ने भी जोरदार चाल चली। MCX पर चांदी ₹1,22,000 प्रति किलो के आसपास ट्रेंड कर रही है। त्योहारों के सीजन से पहले यह निवेशकों के लिए नया अवसर बन सकती है।

अपने निवेश निर्णयों में सावधानी बरतनी चाहिए

बहरहाल ईरान-इज़राइल संघर्ष ने वैश्विक बाजारों में अस्थिरता पैदा की है, जिससे सोने के भाव बदले हैं। इस समय निवेशकों के लिए सोना एक सुरक्षित विकल्प के रूप में उभरा है। हालांकि, सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है, इसलिए निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए और अपने निवेश निर्णयों में सावधानी बरतनी चाहिए। निवेशकों को इस समय सोने में निवेश करने से पहले बाजार की स्थिति का विश्लेषण करना चाहिए और अपने निवेश निर्णयों में सावधानी बरतनी चाहिए।

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