ऑस्ट्लिया की सरकार ने 430 मिलियन डॉलर की कैंसलेशन चार्ज माफ करने की बात कही है, क्योंकि सरकार ने खुद ही नागरिकों को यात्रा करने से मना किया है।
कोरोना की वजह से खाली हुआ आसमान, दिवालिया हो सकती हैं ज्यादातर एयरलाइंसयूएस कैरियर्स ने पहले ही सरकार वांशिंगटन से 50 बिलियन डॉलर की मदद ग्रांट और लोन के रूप में और कई बिलियन टैक्स छूट की मांग की है।
वहीं ताइवान के नागरिक उड्डयन नियामक ने देर रात मंगलवार को इस बात का ऐलान करते हुए कहा कि उसकी एयरलाइंस सब्सिडी और लोन के लिए आवेदन कर सकती है। इसके अलावा एयरलाइंस अपने बिजनेस को सुचारु रूप से चलाने के लिए लोन की मांग भी कर सकती हैं। हालांकि सरकार ने अभी तक इस बात का खुलासा नहीं किया है कि कितनी धनराशि मुहैया कराई जाएगी ।
स्वीडन और डेनमार्क ने भी अपनी एयर कैरियर्स को 300 मिलियन की मदद की बात कही है। आपको मालूम हो कि International Air Transport Association (IATA) ने् दुनियाभर की एयरलाइंस को बचाने के लिए कुल 200 बिलियन डॉलर की जरूरत की बात कही थी । S&P Global Rating ने पूरी दुनिया में ट्रैवेल एडवाइजरी जारी होने के बाद से इस साल ग्लोबल पैसेंजर्स की संख्या में 30 फीसदी की कमी आने की बात कही थी, और इसकी रिकवरी 2022-23 तक ही हो पाएगी ।
दरअसल कोरोनावायरस के पैनडेमिक घोषित होने के बाद से ग्लोबल स्तर पर लॉकडाउन सिचुएशन बन गई है । और देशों के बॉर्डर्स बंद होने के चलते एयरलाइंस अपनी फ्लाइट्स को कम कर रही है ।
United Airlines Holdings Inc ने अप्रैल तक 60 फीसदी फ्लाइट कटौती की बात कही है जिसमें से 85 फीसदी अंतर्राष्ट्रीय हैं। Virgin Australia Holdings Ltd ने 14 जून तक अपनी सभी इंटरनेशनल फ्लाइट्स बंद करने का ऐलान कर दिया है। इसी के साथ एयरलाइन स्टाफ को भी छुट्टी दी जा रही है।