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जीएसटी के नाम पर दुकानदार बुद्धू बनाए तो कैसे पता लगाएं असली कीमत और कहां करें शिकायत

जीएसटी दर कम होने से हाउसहोल्ड चीजों के दाम घट गए हैं। लेकिन दुकानदार पुराने स्टॉक के नाम पर ज्यादा कीमत वसूल सकते हैं। ऐसे में ग्राहक को जागरूक रहने की जरूरत है।

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भारत

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Ashish Deep

Sep 22, 2025

New GST Impact

जीएसटी दर में कमी से 22 सितंबर से खाने-पीने की चीजें सस्ती हो गई हैं। (फोटो : फ्री पिक)

अगर आपको कोई दुकानदार घरेलू सामान के रेट पर जीएसटी घटने का फायदा न दे तो आप इसकी आसानी से शिकायत कर सकते हैं। साथ ही यह भी पता लगा सकते हैं कि उस प्रोडक्ट पर जीएसटी घटने से असल कीमत में कितनी कमी आई है। यहां कुछ तरीके बताए जा रहे हैं, जिससे जीएसटी से जुड़े हर सवाल का जवाब मिलेगा।

जीएसटी रिफॉर्म्स पर ग्राहकों के लिए एफएक्यू

1. जीएसटी घटने से खरीदारी पर क्या फर्क पड़ेगा?

      नई व्यवस्था में केवल दो टैक्स स्लैब रह गए हैं-5% और 18%। अगर किसी प्रोडक्ट पर टैक्स कम हुआ है, तो उसकी एमआरपी भी कम होनी चाहिए और आपको उसी हिसाब से कम दाम चुकाने का अधिकार है।

      2.खरीदारी से पहले क्या चेक करना चाहिए?

        • प्रोडक्ट के पैकेज पर लिखी नई एमआरपी देखें।
        • यह जांचें कि कहीं पुराने दाम को काटकर या ढंककर नई कीमत तो नहीं लिखी गई है।

        3. नई जीएसटी दरें कैसे पता करें?

          जिन उत्पाद पर 5% और 18% जीएसटी लागू हुआ है। उसकी लिस्ट जीएसटी पोर्टल पर दी गई है। वहां से चेक कर सकते हैं।

          4. अगर दुकानदार पुरानी कीमत पर ही सामान बेच रहा है तो क्या करें?

            अगर दुकानदार ऐसा करे तो INGRAM पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं। शिकायत के साथ प्रोडक्ट पैकेज और बिल की फोटो/कॉपी जरूर रखें।

            5. बिल में क्या देखना चाहिए?

              बिल में लिखा जीएसटी का प्रतिशत चेक करें। यह नई कम दर (5% या 18%) से मेल खानी चाहिए।

              6. क्या दुकानदार पुरानी कीमत काटकर नया एमआरपी लिख सकता है?

                नहीं। नियम के मुताबिक पुरानी कीमत साफ दिखाई देनी चाहिए। उसे ढंकना या ओवरराइट करना गलत है।

                INGRAM पोर्टल पर शिकायत कैसे करें?

                इंटिग्रेटेड ग्रीवांस रीड्रेसेल मिकेनिज्म (INGRAM) कंज्यूमर अफेयर्स मंत्रालय की पहल है, जहां ग्राहक अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं।

                1. किसकी शिकायत कर सकते हैं?FMCG, ई-कॉमर्स, उपभोक्ता ड्यूरेबल्स, ऑटोमोबाइल, बैंकिंग आदि सेक्टरों की शिकायतें की जा सकती हैं।
                2. कहां पर कर सकते हैं शिकायत?वेबसाइट से, उमंग ऐप से, National Consumer Helpline (NCH) ऐप से, टोल-फ्री नंबर 1915 पर कॉल कर के या WhatsApp, SMS, या ई-मेल के जरिए।
                3. क्या चीजें चाहिए होंगी शिकायत करते समय?- प्रोडक्ट की MRP और पैकेजिंग की तस्वीर जहां दिखे कि पुरानी और नई कीमत में फर्क है।- बिक्री का बिल जिसमें लिखा हो कि किस GST स्लैब पर टैक्स लगाया गया है।- दुकान का नाम, पता, तारीख, टाइम।- अपना नाम, फोन नंबर या ई-मेल।
                4. शिकायत कैसे दर्ज रें?- पोर्टल या ऐप खोलें और 'GST rate benefit not passed/old price charged' विकल्प चुनें।- आपके दस्तावेज / तस्‍वीरें अपलोड करें।- शिकायत दर्ज हो जाने पर आपको एक नंबर जनरेट होगा, जिसे बाद में ट्रैक किया जा सकता है।
                5. शिकायत के बाद क्या होता है?NCH (National Consumer Helpline) के काउंसलर या संबंधित सरकारी विभाग इसकी जांच करेंगे। दुकानदार को जवाब देने का मौका मिलेगा। अगर समस्या बनी रही तो उपभोक्ता फोरम में ले जाया जा सकता है।