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अमेरिका के H-1B Visa फीस बढ़ाने से भारत के स्टॉक एक्सचेंज और आईटी सैक्टर पर क्या होगा असर,जानिए

H-1B Visa Fee Hike: अमेरिका की ओर से H-1B वीज़ा फीस बढ़ाने से भारतीय आईटी कंपनियों की लागत बढ़ेगी और नए भर्तियों में गिरावट आ सकती है। इस बदलाव से शेयर बाजार और भारतीय प्रोफेशनल्स की नौकरियों पर भी गहरा असर पड़ने की आशंका है।

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भारत

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MI Zahir

Sep 21, 2025

H-1B Visa Fee Hike: अमेरिका ने H-1B वीज़ा की फीस में बड़ा इजाफा (H-1B Visa Fee Hike)कर दिया है। इस फैसले का सीधा असर भारत के आईटी सेक्टर (Indian IT sector impact )पर पड़ेगा, जो दशकों से अमेरिकी कंपनियों के लिए आउटसोर्सिंग सेवा प्रदान करता आया है। H-1B वीज़ा के ज़रिए भारतीय पेशेवर अमेरिका में जाकर काम करते हैं, खासकर टेक और आईटी सेक्टर में। विशेषज्ञों के अनुसार अब जब फीस में भारी बढ़ोतरी हुई है, तो इसके प्रभाव न केवल आईटी कंपनियों (Tech jobs in America)पर, बल्कि शेयर बाजार यानी स्टॉक एक्सचेंज पर भी साफ़ देखे जा सकते हैं।

H-1B वीज़ा एक अस्थायी कार्य वीज़ा

ध्यान रहे कि H-1B वीज़ा एक अस्थायी कार्य वीज़ा है, जो अमेरिकी कंपनियों को विदेश से कुशल पेशेवरों को नियुक्त करने की अनुमति देता है। भारतीय टेक इंजीनियर और डेवलपर्स इसका सबसे बड़ा लाभार्थी वर्ग हैं। हर साल लगभग 70% H-1B वीज़ा भारत के नागरिकों को मिलते हैं।

अब क्या बदला है ?

वर्तमान में H-1B वीज़ा आवेदन की बेस फीस लगभग ₹38,000 थी। नई नीति के तहत, यह फीस बढ़कर ₹64,700 से अधिक हो सकती है। इसके अलावा, प्रोसेसिंग शुल्क, फ्रॉड प्रिवेंशन फीस और प्रीमियम प्रोसेसिंग चार्ज में भी ₹8,000 से ₹25,000 तक की बढ़ोतरी कर दी गई है।

भारतीय आईटी कंपनियों पर प्रभाव

  1. लागत में वृद्धि: भारतीय कंपनियों को अब हर कर्मचारी के लिए अधिक फीस देनी होगी। इससे उनकी ऑपरेशनल कॉस्ट बढ़ेगी। खासकर TCS, Infosys, Wipro, HCL जैसी कंपनियों के मुनाफे पर असर पड़ सकता है।
  2. नई नियुक्तियों में कटौती: फीस बढ़ने से कंपनियां सीमित संख्या में ही पेशेवरों को अमेरिका भेजेंगी। इससे नियुक्तियों की दर घट सकती है।
  3. ऑफशोर डिलीवरी मॉडल में तेजी: भारतीय कंपनियां अब प्रोजेक्ट्स को भारत से डिलीवर करने की रणनीति को बढ़ावा देंगी, ताकि अमेरिका भेजे जाने वाले स्टाफ की संख्या कम की जा सके।

स्टॉक मार्केट पर असर

H-1B फीस वृद्धि की खबर के बाद IT सेक्टर के शेयरों में हल्की गिरावट देखी गई है। निवेशक इस फैसले को लॉन्ग टर्म में लागत बढ़ाने वाला मान रहे हैं।

प्रमुख बिंदु: Nifty IT Index में गिरावट दर्ज की गई।

TCS, Infosys, Tech Mahindra के शेयरों पर तत्काल असर पड़ा।

निवेशकों में अनिश्चितता का माहौल है, क्योंकि अमेरिका में आगामी चुनावी नीतियों पर भी असर पड़ सकता है।

अमेरिकी नीति के पीछे कारण

अमेरिका की नीति अब "अमेरिकन जॉब्स फर्स्ट" पर केंद्रित है।

वो चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा नौकरियाँ स्थानीय लोगों को मिलें।

साथ ही, वीज़ा प्रणाली में पारदर्शिता और वित्तीय योगदान भी बढ़ाना उद्देश्य है।

IT सेक्टर में चिंता की लहर

H-1B वीज़ा फीस में बढ़ोतरी पर भारत की प्रमुख IT कंपनियों में चिंता जताई गई है। Infosys और TCS के सीनियर एग्जीक्यूटिव्स का मानना है कि यह कदम भारतीय पेशेवरों की अमेरिका में पहुंच को सीमित कर सकता है। NASSCOM जैसे संगठन ने इसे भारतीय टेक इंडस्ट्री के लिए "अवरोधक कदम" बताया।

युवा तकनीकी पेशेवरों में नाराजगी

भारत में H-1B की तैयारी कर रहे हज़ारों टेक ग्रेजुएट्स और प्रोफेशनल्स ने सोशल मीडिया पर नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि अमेरिका का यह कदम सपनों को तोड़ने जैसा है।

कंपनियों की रणनीति में बदलाव

TCS और HCL जैसी कंपनियों ने संकेत दिया है कि वे अब "लोकल हायरिंग" और "ऑफशोर डिलीवरी मॉडल" पर ज्यादा ध्यान देंगी ताकि अमेरिका पर निर्भरता घटाई जा सके।

अमेरिका के अंदर भी उठे विरोध के स्वर

H-1B फीस बढ़ोतरी पर खुद अमेरिका के कुछ टेक सेक्टर के CEO भी सवाल उठा रहे हैं। उनका मानना है कि इससे देश में टेक्नोलॉजिकल ग्रोथ और इनोवेशन की स्पीड धीमी हो सकती है।

चीन और अन्य देशों को मिलेगा लाभ ?

कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि भारतीय पेशेवरों को रोकने का फायदा चीन, वियतनाम और पूर्वी यूरोप के देशों को मिल सकता है, जो अब अमेरिकी कंपनियों के नए आउटसोर्सिंग विकल्प बन सकते हैं।

भारत की आईटी इंडस्ट्री के लिए एक चुनौतीपूर्ण कदम

बहरहाल H-1B वीज़ा फीस में बढ़ोतरी भारत की आईटी इंडस्ट्री के लिए एक चुनौतीपूर्ण कदम है। इससे लागत, भर्ती, और स्टाफ मैनेजमेंट की रणनीतियों पर पुनर्विचार करना होगा। वहीं, स्टॉक मार्केट में निवेशकों की नजर अब आईटी कंपनियों की अगली तिमाही रिपोर्ट्स पर टिकी रहेगी।यह परिवर्तन एक संकेत है कि भारतीय कंपनियों को अब "ऑफशोर स्किल डवलपमेंट" और "लोकल टेलेंट ट्रेनिंग" पर अधिक ध्यान देना होगा।