28 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Health Insurance: सही इंश्योरेंस चुनते समय इन 12 चीजों का रखें खास ध्यान, वरना हो सकता है भारी नुकसान

Health Insurance Plans: सही स्वास्थ्य बीमा चुनने के लिए सबसे पहले अपनी जरूरतों का आकलन करना चाहिए। इसके साथ ही विभिन्न विकल्पों की तुलना करें। आवश्यक फीचर्स में कवरेज, प्रीमियम और दावा निपटान प्रक्रिया शामिल हैं।

2 min read
Google source verification

कैसे चुनें सही इंश्योरेंस, कौन-कौन से फीचर्स होने चाहिए (प्रतीकात्मक फोटो)

Family Health Insurance Plans: लाइफ स्टाइल में बदलाव, तनाव और अन्य कई वजहों से लोग कम उम्र में ही कई तरह की गंभीर बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। ऐसे में यह जरूरी है कि आपके पास एक अच्छा हेल्थ इंश्योरेंस हो। यह न केवल आपकी मेहनत की कमाई को अचानक खर्च होने से बचा सकता है, बल्कि खुद को और प्रियजनों को बेहतर जगह इलाज मुहैया कराने में भी मददगार साबित होता है। स्वास्थ्य बीमा खरीदते समय इन चीजों का ध्यान रखें।

कैसे चुनें सही इंश्योरेंस

—बीमा कंपनी का 3 साल का औसत क्लॅम सेटलमेंट रेश्यो 97% से अधिक होना चाहिए।
—97% से अधिक मामलों में क्लेम का भुगतान 30 दिन के अंदर हुआ होना चाहिए।
—पॉलिसीधारकों की शिकायतों की संख्या प्रति 10,000 क्लेम में 20 से कम होनी चाहिए।
—बीमा कंपनी का सालाना कारोबार कम से कम 7500 करोड़ रुपए का होना चाहिए।

कौन-कौन से फीचर्स होने चाहिए

—आईसीयू सहित रूम रेंट की कोई लिमिट नहीं होनी चाहिए।
—पॉलिसी में कोई को-पेमेंट या डिडक्टिबल्स नहीं होना चाहिए।
—60 दिन का प्री-हॉस्पिटलाइजेशन कवरेज और 180 दिन का पोस्ट हॉस्पिटलाइजेशन कवरेज होना चाहिए।
—अधिकतम वेटिंग पीरियड 30 दिन का होना चाहिए, क्रिटिकल बीमारियों के लिए यह अवधि ज्यादा से ज्यादा 90 दिन हो।
—पहले से मौजूद बीमारियों के लिए अधिकतम वेटिंग पीरियड 3 साल हो।
—अस्पताल में भर्ती होने के दौरान, दस्ताने, सीरिंज, मास्क जैसी कंज्यूमेबल वस्तुओं का कवरेज हो।
—नो-क्लेम बोनस सालाना कम से कम 50% से दोगुना तक होना चाहिए।
—कैशलेश, अनलिमिटेड रेस्टोरेशन और रिम्बर्समेंट की सुविधा होनी चाहिए।
—डेकेयर कवर, क्रिटिकल इलनेस राइडर होना चाहिए।
—क्रिटिकल इल वेवर ऑफ प्रीमियम और टर्मिनेशल इलनेस बेनिफिट भी हो।
—किसी बीमारी पर कोई कैपिंग नहीं होनी चाहिए।

यह भी पढ़ें- कौन हैं लीना गांधी तिवारी? 703 करोड़ में खरीदा घर, हैं 32,500 करोड़ की मालकिन

ये सुविधाएं हों तो और भी अच्छा

—फ्री-हैल्थ चेकअप, वैकल्पिक उपचार (आयुष) कवरेज, ओपीडी कवरेज।
—5 लाख रुपए तक का होम केयर कवरेज, 5 लाख रुपए तक का एम्बुलेंस खर्च।
—ई-कंसल्टेशन सुविधा, 5 लाख तक का डोनर कवरेज, टॉप-अप का विकल्प।
—स्वास्थ्य बीमा में एक्सिडेंटस डेथ बेनिफिट भी होना चाहिए।

यह भी पढ़ें- LPG सिलेंडर के दाम घटे…हवाई सफर हुआ सस्ता: एक जून से लागू हुए ये 5 बड़े बदलाव, आपकी जेब पर पड़ेगा असर

इन चीजों का रखें ध्यान

—वयस्कों के लिए सम इंश्योर्ड कम से कम 10 लाख रुपए और बच्चों के लिए 5 लाख हो।
—पैन-इंडिया पॉलिसी और हॉस्पिटल का बड़ा नेटवर्क होना चाहिए।
—इंश्योरेंस कंपनी भरोसेमंद हो और क्लेम सेटलमेंट रेश्यो जितना अधिक उतना अच्छा।
—हमेशा सुपर टॉप-अप को प्राथमिकता दें और बीमा में क्या शामिल नहीं है, इसकी जानकारी रखें।

बीमा कंपनी का अच्छा आईसीआर जरूरी

हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी की ओर से कुल कलेक्ट किए गए प्रीमियम के अनुपात में जितना पैसा क्लेम के तहत दिया गया' है, उसे कंपनी का इंकर्ड क्लेम रेश्यो यानी आईसीआर कहते हैं। किसी इंश्योरेंस कंपनी का आईसीआर यदि 55%-75% या इससे ज्यादा है तो उस कंपनी का बीमा खरीद सकते हैं।