28 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

7th Pay Commission में महंगाई भत्ता छठे वेतन आयोग से रह गया था आधा, आगे और घटने की संभावना

8वां वेतन आयोग 1 जनवरी 2026 से लागू होना चाहिए, लेकिन इसमें देरी हो सकती है।

2 min read
Google source verification

भारत

image

Ashish Deep

Aug 26, 2025

Dearness allowance increased

7वें वेतन आयोग का कार्यकाल 31 दिसंबर 2025 तक है। (फोटो सोर्स : Free Pic)

केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के महंगाई भत्ते और राहत में 3 फीसदी बढ़ोतरी का अनुमान है। इससे यह 55 फीसदी से बढ़कर 58 फीसदी हो जाएगा। 7th Pay Commission के तहत महंगाई भत्ते में यह अंतिम बढ़ोतरी मानी जा रही है। क्योंकि जनवरी 2026 से 8th Pay Commission लागू होने की संभावना है। जुलाई से दिसंबर के महंगाई भत्ते को नए वेतनमान में मर्ज कर दिया जाएगा। आइए समझते हैं यह छठे वेतन आयोग से कम कैसे रहेगा।

6वें वेतन आयोग की तुलना में आधा डीए

अगर पिछले वेतन आयोगों से तुलना करें तो महंगाई भत्ते में यह बढ़ोतरी कम है। 6वें वेतन आयोग (2006–2015) के दौरान जुलाई 2015 तक डीए 125% तक पहुंच गया था। वहीं, 7वें वेतन आयोग (2016–2025) में डीए केवल 58% पर सिमट कर रह जाएगा। यानी कर्मचारियों को 6वें वेतन आयोग के कार्यकाल की तुलना में आधे से भी कम डीए मिलेगा।

5वें वेतन आयोग का नियम अलग था

दिलचस्प बात यह है कि 5वें वेतन आयोग (1996–2005) के समय नियम अलग थे। तब जब भी डीए 50% से ऊपर चला जाता, उसे मूल वेतन (Basic Pay) में मिला दिया जाता था। यही कारण है कि उस आयोग का कार्यकाल खत्म होने के बाद डीए केवल 41% ही था, जबकि कर्मचारियों को असल में अधिक फायदा हुआ था।

डीए कैसे तय होता है

डीए की गणना हर छह महीने में होती है यानी जनवरी और जुलाई में। यह कैलकुलेशन ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI-IW) पर आधारित होता है। जुलाई 2024 से जून 2025 की अवधि में औसत सूचकांक 143.6 दर्ज किया गया, जिसके आधार पर संशोधित डीए 58% होने का अनुमान है।

8वें वेतन आयोग के आने में देरी

8वां वेतन आयोग 1 जनवरी 2026 से लागू होना चाहिए, लेकिन न तो इसके लिए शर्तें (Terms of Reference) तय हुई हैं और न ही अध्यक्ष या सदस्य नियुक्त किए गए हैं। आमतौर पर किसी भी आयोग को लागू होने में 18 से 24 महीने लगते हैं, ऐसे में नए आयोग की सिफारिशें 2027 से पहले लागू होना मुश्किल माना जा रहा है।