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ITR Refund Issue: 31 दिसंबर का इंतजार न करें, आज ही फाइल करें रिवाइज्ड ITR! लेकिन, इन गलतियां से बचें

रिवाइज्ड ITR दाखिल करने की डेडलाइन खत्म होने को है, आपके पास कुछ दिन ही बचे हैं. जानिए कि किन गलतियों से आपको बचना चाहिए।

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कई टैक्सपेयर्स टैक्स रिजीम का गलत चुनाव भी करते हैं, जो कि एक आम समस्या बन गई है। (PC: Canva)

अगर आप भी उन लोगों में से हैं जो AY 2025-26 (FY 2024-25) के इनकम टैक्स रिफंड में देरी को लेकर परेशान हैं, तो आपके पास रिवाइज्ड इनकम टैक्स टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने के लिए चंद दिन ही बचे हैं. रिवाइज्ड रिटर्न दाखिल करने के लिए डेडलाइन 31 दिसंबर 2025 है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट उन लोगों को नोटिस भेज रहा है जिनके रिटर्न में कोई दिक्कत दिख रही है।

अगर आप ये डेडलाइन मिस कर देते हैं तो आपका केस डिटेल स्क्रूटनी में जा सकता है, जिससे रिफंड आने में देरी हो सकती है और टैक्स की रकम भी बढ़ सकती है। इसलिए याद रखें कि -

  • 31 दिसंबर 2025 संबंधित असेसमेंट ईयर के लिए बिलेटेड और रिवाइज्ड ITR फाइल करने की आखिरी तारीख है। इस डेडलाइन के गुजर जाने के बाद टैक्सपेयर अपने रिटर्न को रिवाइज करने का विकल्प हमेशा के लिए खो देंगे, भले ही बाद में सेंट्रलाइज्ड प्रोसेसिंग सेंटर (CPC) कोई गलती पकड़ ले।
  • दूसरी मुश्किल ये है कि अगर CPC 31 दिसंबर के बाद रिटर्न प्रोसेस करता है और फिर कोई गलती पकड़ता है, तो टैक्सपेयर उस गलती को सुधारने के लिए रिटर्न रिवाइज नहीं कर पाएगा, इससे रिफंड आने में दिक्कत हो सकती है और डिमांड, एडजस्टमेंट या आगे नोटिस आ सकते हैं।

किन पर पड़ेगा सबसे ज्यादा असर?

जिनके रिटर्न फाइलिंग में दिक्कतें मिली हैं, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट उन्हें ईमेल के जरिए इसकी जानकारी दे रहा है. इसमें सबसे बड़ा हिस्सा सैलरीड कर्मचारियों का है। अब ऐसा क्यों हो रहा है, जरा इसको समझिए - ज्यादातर मामलों में लोग ITR में 80C, 80D या HRA जैसे डिडक्शन क्लेम कर लेते हैं, लेकिन नौकरी के दौरान एम्प्लॉयर को ये बात बताकर TDS कम नहीं करवाते। नतीजा ये होता है कि सैलरी का डेटा, फॉर्म 26AS और रिटर्न तीनों में मिसमैच देखने को मिलता है।

टैक्स रिजीम चुनने में गलती, पड़ेगी भारी

कई टैक्सपेयर्स टैक्स रिजीम का गलत चुनाव भी करते हैं, जो कि एक आम समस्या बन गई है। जैसे कि एम्प्लॉयर ने नई टैक्स रिजीम में TDS काटा, लेकिन टैक्सपेयर ने पुरानी रिजीम चुनकर ITR फाइल किया और डिडक्शन क्लेम कर लिए। इस गलती का शिकार सैलरीड लोग ज्यादा हो रहे हैं, क्योंकि इस छोटी सी गलती को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं, वो शायद इसलिए कि उन्हें पता नहीं है कि इस गलती के क्या नतीजे हो सकते हैं।

ये गलतियां कतई न करें


अगर आप चाहते हैं कि आपके रिफंड में देरी न हो और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से कोई नोटिस न आए तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। इनमें से कोई भी गड़बड़ी हो तो डिपार्टमेंट नोटिस भेजता है और रिफंड अटक जाता है।

  • गलत या बिना प्रूफ के डिडक्शन क्लेम करना, या जरूरत से ज्यादा क्लेम कर लेना
  • आपकी ओर से ITR में दी गई जानकारी और AIS/TIS या फॉर्म 26AS में मिसमैच होना
  • HRA या लीव ट्रैवल अलाउंस (LTA) का गलत क्लेम करना
  • इंश्योरेंस प्रीमियम, मेडिकल खर्च या डोनेशन के डिडक्शन बिना सपोर्टिंग डॉक्यूमेंट के क्लेम करना
  • सैलरी के अलावा दूसरी की डिटेल नहीं देना, जैसे कि म्यूचुअल फंड या शेयर्स से कैपिटल गेन
  • क्रिप्टो से हुई कमाई या फिर बैंक डिपॉजिट या दूसरे सोर्स से ब्याज इनकम नहीं बताना