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RBI के गवर्नर का ऐलान, दिसंबर के अंत तक पहला डिजिटल करेंसी ट्रायल प्रोग्राम लॉन्च होगा

locationनई दिल्लीPublished: Aug 27, 2021 04:33:17 pm

Submitted by:

Mohit Saxena

भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने कहा कि डिजिटल रुपये के रूप में इस करेंसी को सामने लाने की कोशिश होगी।

rbi governer Shaktikanta Das

शक्तिकांत दास

नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक दिसंबर तक अपना पहला डिजिटल करेंसी ट्रायल प्रोग्राम लॉन्च कर सकता है। चीन, यूरोप और ब्रिटेन के केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्राओं (digital currency) को सीधे वाणिज्यिक उधारदाताओं (commercial lenders) या जनता के बीच लेकर आने का प्रयास कर रहे हैं।

उन्हें कहा कि दुनिया भर के केंद्रीय बैंक इसे कई रूप में समाने लेकर आ रहे हैं। इसके कई रूप हैं जैसे कुछ देश इसे ऑनलाइन संस्करण के रूप में लाना चाहते हैं। वहीं भारत के मामले ये डिजिटल रुपया होगा।

दास ने एक साक्षात्कार में कहा कि हम इसे लेकर बेहद सावधान हैं क्योंकि यह पूरी तरह से एक नया प्रोडक्ट है, न सिर्फ आरबीआई के लिए, बल्कि विश्व स्तर पर।

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गवर्नर के अनुसार आरबीआई अपनी सुरक्षा, भारत के वित्तीय क्षेत्र पर प्रभाव के साथ-साथ मौद्रिक नीति और प्रचलन में मुद्रा को कैसे प्रभावित करेगा, समेत डिजिटल मुद्रा के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन कर रहा है ।

विकल्प की हो रही खोज

दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा के लिए केंद्रीकृत खाते (centralized ledger) या विकेंद्रीकृत खाते (distributed ledger DLT) को लेकर विकल्प भी खोज रहा है। DLT एक डिजिटल डेटाबेस को संदर्भित करता है जो कई प्रतिभागियों को एक साथ लेनदेन तक पहुंचने, साझा करने और रिकॉर्ड करने की अनुमति देता है। वहीं एक केंद्रीकृत लेजर का मतलब है कि डेटाबेस स्वामित्व और एक एकल इकाई द्वारा संचालित होना है।

दास ने मीडिया से कहा कि उन्हें लगता है कि वर्ष के अंत तक हम इसका पहला परीक्षण शुरू करने के लिए सक्षम होंगे। इससे पहले आरबीआई के डिप्टी गवर्नर टी रबी शंकर ने बीते महीने कहा था कि केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा के लिए “चरणबद्ध कार्यान्वयन रणनीति” की ओर काम कर रहा है।

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डिजिटल मुद्राओं (digital currency) को लाने के प्रयास

गौरतलब है कि दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों ने नकदी के उपयोग में गिरावट और बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी में बढ़ती रुचि के बाद बीते एक साल में डिजिटल मुद्राओं को लाने के प्रयासों को आगे बढ़ाया है। पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना पहले से ही कई शहरों में डिजिटल करेंसी पर काम कर रही है। यूरोपीय केंद्रीय बैंक और इंग्लैंड के बैंक भी डिजिटल यूरो की ओर आगे बढ़ रहे हैं।

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