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भारत को अप्रैल से सितंबर के बीच 6.20 लाख करोड़ रुपए का राजकोषीय घाटा, पिछले साल की तुलना में 33% की बढ़ोतरी

भारत को अप्रैल से सितंबर के बीच 6.20 लाख करोड़ रुपए का राजकोषीय घाटा हुआ है। यह घाटा पिछले साल के घाटे की तुलना में 33% अधिक है, जो सरकार के खर्चों में बढ़ोतरी के कारण बढ़ा है।

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India's April-September fiscal deficit widens to ₹6.20 lakh crore

वर्तमान फाइनेंशियल ईयर 2022-23 की पहले क्वाटर अप्रैल 2022 से सितंबर 2022 के बीच भारत के राजकोषीय घाटा में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। कंट्रोलर जनरल ऑफ अकाउंट्स ने 31 अक्टूबर यानी आज आकड़े जारी करते हुए बताया है कि अप्रैल से सितंबर के बीच भारत का राजकोषीय घाटा बढ़कर 6.20 लाख करोड़ रुपए हो गया है, जो पूरे साल के घाटे के लक्ष्य का 37.3% है।

सरकारी आकड़ो के अनुसार भारत के राजकोषीय घाटे में यह बढ़ोतरी सरकार के उर्वरक, खाद्य, ईधन में दी जानी वाली सब्सिडी सहित अन्य खर्चों में हुई बढ़ोतरी के कारण है। कई अर्थशास्त्रियों का मानना है कि इस फाइनेंशियल ईयर 2022-23 सरकार के खर्च में लगभग 2 ट्रिलियन रुपयों की बढ़ोतरी होगी, जिससे आने वाले समय में यह घाटा और अधिक बढ़ सकता है।

पिछले साल की तुलना में 33% बढ़ा घाटा
सरकार को पिछले महीने सितंबर में 78,248 करोड़ रुपए का राजकोषीय घाटा हुआ है, जो एक साल पहले की तुलना में 33% अधिक है। हालांकि टैक्स कलेक्शन में अच्छी बढ़ोतरी देखी गई है। अप्रैल-सितंबर के दौरान टैक्स कलेक्शन 10.12 ट्रिलियन रुपए रहा, जो एक साल पहले की तुलना में लगभग 10% अधिक है।

सरकार के खर्ज में हुई बढ़ोतरी
कंट्रोलर जनरल ऑफ अकाउंट्स के आकड़ों के अनुसार वर्तमान फाइनेंशियल ईयर के पहले 6 महीने में (अप्रैल से सितंबर के बीच) सरकार ने 18.24 ट्रिलियन रुपए खर्च किया है, जो एक साल पहले यह 16.26 ट्रिलियन रुपए था। सरकार ने वर्तमान फाइनेंशियल ईयर में लगभग 40 ट्रिलियन रुपए खर्च करने का लक्ष्य रखा है, जो पिछले साल की तुलना में लगभग 4% अधिक है।

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