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आम जनता को राहत नहीं, महंगाई ने तोड़ा 6 महीने का रिकॉर्ड

महंगाई को लेकर जनता को एक और झटका लगा है. दरअसल, थोक महंगाई के बाद अब खुदरा महंगाई भी बढ़ती नजर आ रही है।

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नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस ने आम जनता पर कहर बरपा रखा है। वहीं बढ़ती महंगाई ने आग में घी का काम किया है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़े के अनुसार खाद्य वस्तुओं के दाम बढ़ने से खुदरा मुद्रास्फीति मई में बढ़कर छह महीने के अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच चुकी है। यह 6.3 फीसदी पर है। अप्रैल में मुद्रास्फीति 4.23 फीसदी थी। खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर मई में 5.01 फीसदी तक रही है।

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पांच माह से बढ़ रही थोक महंगाई

थोक कीमतों में भी उछाल देखा गया है। इससे संबंधित मुद्रास्फीति मई में बढ़कर 12.94 फीसदी तक पहुंच चुकी है। इसका कारण कच्चा तेल,विनिर्मित वस्तुओं के दाम में तेजी बताया गया है। इससे पहले नवंबर 2020 में खुदरा मुद्रास्फीति की उच्चतम दर 6.93 फीसदी थी।

मई 2020 में थोक मुद्रास्फीति शून्य से नीचे 3.7 फीसदी तक थी, जबकि अप्रैल 2021 में यह दहाई अंक 10.49 फीसदी तक पहुंच गई। यह लगातार पांचवां महीना है जब थोक महंगाई दर बढ़ी है।

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6.6 फीसदी तक पहुंच महंगाई दर

मई माह में ईंधन और बिजली की महंगाई दर अप्रैल के 7.91 फीसदी से बढ़कर 11.58 फीसदी तक पहुंच गई। वहीं, हाउसिंग सेक्टर की महंगाई 3.73 फीसदी से बढ़कर 3.86 फीसदी तक पहुंच गई। मई में कपड़े, जूते-चप्पल की महंगाई बढ़कर 5.32 फीसदी तक आ गई। मई में दालों की महंगाई 7.51 फीसदी से ज्यादा होकर 9.39 फीसदी पर आ गई है। मई माह में महंगाई दर अप्रैल के 5.40 फीसदी से बढ़कर 6.6 फीसदी तक पहुंच गई।