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India-UK FTA: ब्रिटेन से आने वाली व्हिस्की और कारें होंगी सस्ती, हमारे चमड़ा और कपड़ा व्यापारियों को होगा फायदा

India-UK FTA: भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर 24 जुलाई को लंदन में हस्ताक्षर होंगे। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इसे मंजूरी दे दी है। डील में दोनों देश परस्पर आयात-निर्यात की ज्यादातर वस्तुओं पर टैरिफ खत्म या कम करेंगे।

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भारत

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Pawan Jayaswal

Jul 23, 2025

India UK FTA

भारत और ब्रिटेन के बीच FTA को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है। (PC: Pixabay)

भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है। इस समझौते पर 24 जुलाई को लंदन में हस्ताक्षर होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो दिवसीय ब्रिटेन यात्रा आज (बुधवार) से शुरू हो रही है। दोनों देशों के बीच इस समझौते पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लंदन यात्रा के दौरान मुहर लगेगी। प्रधानमंत्री के साथ वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल भी जा रहे हैं। दोनों देशों के वाणिज्य मंत्री इस समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे। हालांकि, ब्रिटेन में इसे लागू करने से पहले ब्रिटिश संसद की मंजूरी मिलना बाकी है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि भारत-ब्रिटेन एफटीएफ में कानूनी प्रक्रिया जैसे मसलों पर काम अंतिम दौर में है। दोनों देशों ने 6 मई को इस व्यापार समझौते की बातचीत पूरी हुई थी।

समझौता इसलिए है खास

इस समझौते के तहत दोनों देश परस्पर आयात-निर्यात की ज्यादातर वस्तुओं पर टैरिफ खत्म या कम करेंगे, ताकि आपसी कारोबार को बढ़ाया जा सके। इस समझौते में चमड़ा, जूते, कपड़े जैसे श्रम-प्रधान उत्पादों के निर्यात पर ब्रिटेन में टैक्स हटाने और ब्रिटेन से व्हिस्की और कारों के आयात को सस्ता करने का प्रस्ताव है। इसका लक्ष्य 2030 तक दोनों देशों के बीच व्यापार को दोगुना कर 120 अरब डॉलर तक पहुंचाना है। यह समझौता दोनों देशों के बीच वस्तुओं, सेवाएं, नवाचार, सरकारी खरीद और बौद्धिक संपदा अधिकार से जुड़े कारोबार को आसान बनाने के लिए किया गया है।

सामाजिक सुरक्षा समझौता

दोनों देशों ने डबल कंट्रीब्यूशन कन्वेंशन एग्रीमेंट (सामाजिक सुरक्षा समझौता) की बातचीत भी पूरी कर ली है। इससे ब्रिटेन में सीमित समय के लिए काम करने वाले भारतीय प्रोफेशनल्स को सामाजिक सुरक्षा फंड में दोहरा योगदान देने से छूट मिलेगी। यानी उन्हें ब्रिटेन में भी हेल्थ इंश्योरेंस, पेंशन फंड में योगदान जैसे लाभ मिलेंगे। हालांकि, द्विपक्षीय निवेश संधि (BIT) पर बातचीत अभी जारी है। इस संधि के तहत भारत और ब्रिटेन के निवेशकों को दोनों देशों में पारदर्शिता मिलेगी। इसके साथ ही उनके संरक्षण के उपाय किए जाने की योजना बनाई जाएगी।