
जैसी का आशंका थी, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने रेपो रेट में एक बार फिर से बढ़ोतरी (mpc meeting rbi june 2022) कर दी है। करीब एक माह की अवधि में ये दूसरी बढ़ोतरी की गई है। इस बार 50 आधार अंकों (.50 फीसदी) की वृद्धि की गई है। इसके बाद रेपो रेट बढ़कर 4.40 से बढ़कर 4.90 फीसदी हो गई है। बुधवार को खत्म हुई अपनी द्विमासिक बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में सेंट्रल बैंक ने इस बारे में जानकारी दी है। रेपो रेट के बढ़ने से तमाम तरह के लोन अब महंगी दरों पर मिलेंगे और आम आदमी पर EMI का बोझ पहले के मुकाबले ज्यादा (EMI Burden Set to rise) पड़ेगा।
एक लाख के होम लोन पर सालाना 288 रुपए से 408 रुपए बढ़ जाएगी EMI
आरबीआई द्वारा EMI बढ़ाए जाने के बाद अब बैंक लोन पर ईएमआई का बोझ बढ़ना तय है। सर्टिफाइड फाइनेंशल प्लानर विनोद फोगला का कहना है कि RBI के द्वारा मौद्रिक नीति समीक्षा के बाद अब ईएमआई आपकी लोन की अवधि के अनुसार कम होंगे। जितना अधिक लोन अवधि होगी , ईएमआई का बोझ भी उतना ही अधिक बढ़ेगा। विनोद फोगला ने बताया कि 1 लाख के लोन पर सालाना , अगर लोन 10 साल के लिए है तो आपका बोझ 312 रुपए बढ़ जाएगा। अगर ये लोन 10 लाख है तो सालाना इसमें 3120 रुपए की बढ़ोतरी हो जाएगी। कितनी लोन राशि पर कितना EMI बढ़ेगी, इसका पूरा ब्योरा आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं। इसी तरह लोन राशि 20 साल के लिए होने पर 10 लाख के लोन पर सालाना EMI का बोझ 3720 रुपए बढ़ जाएगी।
ईएमआई के बोझ को लोन राशि पर देखें तो आपकी कुल ईएमआई का बोझ लगभग एक माह की अवधि में इस प्रकार बढ़ने का अनुमान है -
निवेशक हुए सतर्क, गिरा शेयर मार्केट
जैसी कि आशंका थी, रिजर्व बैंक अब हॉकिश पॉलिसी रखने की कवायद में जुटा हुआ है। RBI के इस फैसले का असर शेयर बाजार पर भी देखने को मिला। बाजार सुबह से दबाव में था और जब प्रेस कॉन्फ्रेंस में वृद्धि के बारे में घोषणा की तो बाजार में फिर से गिरावट देखी गई। बता दें कि इसके पहले पिछले महीने, 4 मई 2022 को, आरबीआई ने अचानक ही पॉलिसी रेपो रेट को 40 आधार अंक बढ़ाकर 4.40% करके सबको चौंका दिया था, जबकि स्थायी जमा सुविधा (SDF) दर को 4.15% और मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (MSF) रेट और बैंक रेट को 4.65% पर एडजस्ट किया था।
पहले से था अनुमान
इसके पहले कल तक अलग-अलग फाइनेंशियल संस्थानों द्वारा आरबीआई के द्वारा 25 से लेकर 50 आधार अंकों तक की वृद्धि का अनुमान लगाया जा रहा था। बता दें, मौद्रिक नीति समिति की द्विमासिक समीक्षा बैठक सोमवार से चल रही थी और इसमें लिए गए फैसलों की जानकारी बुधवार दी गई। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास पहले ही संकेत दे चुके थे कि नीतिगत ब्याज दर बढ़ाई जा सकती हैं।
महंगाई से लड़ने के लिए जरूरी कदम
रिजर्व बैंक के इस सख्त कदम के लिए बढ़ती महंगाई को जिम्मेदार ठहराया गया। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति अक्टूबर 2021 से लगातार बढ़ रही है।खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी से आरबीआई के 6 प्रतिशत के संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है। अप्रैल 2022 में यह आठ साल के उच्च स्तर 7.79 प्रतिशत पर पहुंच गया।
Updated on:
08 Jun 2022 12:55 pm
Published on:
08 Jun 2022 10:31 am
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