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55,000% उछला ये AI स्टॉक! फिर कंपनी ही क्यों कह रही, ‘ये तेजी ठीक नहीं’

RRP सेमीकंडक्टर के शेयरों की तेजी ने मार्केट रेगुलेटर SEBI को हैरान कर दिया है. SEBI इस शेयर में आई असामान्य तेजी की जांच कर रहा है कि कहीं इसमें कोई गड़बड़ी तो नहीं हुई.

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ये शेयर इतना ज्यादा कैसे चढ़ गया, वजह इसके फंडामेंटल्स नहीं कुछ और है (PC: Canva)

RRP सेमीकंडक्टर, वो शेयर जिसने रिटर्न देने के मामले में इतिहास रच दिया, अब उन निवेशकों के लिए चेतावनी बनता जा रहा है, जो AI के नाम पर जल्द से जल्द मुनाफा कमाने की सोच रहे थे. सिर्फ 20 महीनों में ही ये शेयर 55,000% से ज्यादा चढ़ चुका है, ये कोई मामूली उछाल नहीं है.

मजेदार बात ये है कि 1 बिलियन डॉलर से ज्यादा मार्केट कैप वाली कंपनियों में ये दुनिया का सबसे ज्यादा चढ़ने वाला शेयर बन गया. ये सबकुछ तब हो रहा है, जब कंपनी की हालिया फाइनेंशियल रिपोर्ट में कंपनी की आय निगेटिव रही थी. सालाना रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी में सिर्फ 2 फुल-टाइम कर्मचारी थे. इससे भी ज्यादा हैरान करने वाली बात ये कि इस कंपनी का सेमीकंडक्टर बूम से ज्यादा कुछ लेना-देना भी नहीं था, क्योंकि कंपनी ने 2024 की शुरुआत में इसमें कदम रखा.

कहीं कुछ गड़बड़ी तो नहीं, SEBI कर रही जांच


RRP सेमीकंडक्टर के शेयरों की तेजी ने मार्केट रेगुलेटर SEBI को हैरान कर दिया है. SEBI इस शेयर में आई असामान्य तेजी की जांच कर रहा है कि कहीं इसमें कोई गड़बड़ी तो नहीं हुई. एक्सचेंज ने भी इस शेयर पर नकेल कस दी है. एक्सचेंज ने हाल ही में इस स्टॉक में हफ्ते में सिर्फ एक दिन ट्रेड करने की इजाजत दी है. जिसके बाद 7 नवंबर के हाई से करीब 6% गिर चुका है. यानी तेजी का गुब्बारा धीरे-धीरे रिसने लगा है.

कंपनी ने कहा - ये तेजी मेल नहीं खाती


तो आखिर ऐसा क्या हुआ कि ये स्टॉक हजारों गुना उछल गया. लगातार 149 दिन तक इस स्टॉक में अपर सर्किट लगा. जबकि कंपनी खुद निवेशकों को ये चेतावनी दे रही थी कि स्टॉक में तेजी उनके फाइनेंशियल्स से मेल नहीं खाती है. इस शेयर में तेजी की कोई एक वजह नहीं है. भारत में लिस्टेड सेमीकंडक्टर कंपनियों की कमी है, और पूरी दुनिया में AI की धूम है, Nvidia से लेकर गूगल सब बस AI की रेस में लगे हैं. भारतीय निवेशक किसी भी सूरत में इस AI बूम को मिस नहीं करना चाहते. भारत में वैसे भी AI के क्षेत्र में बहुत कम लिस्टेंड कंपनिया हैं, इसलिए कोई भी लिस्टेड कंपनी जो AI की दुनिया में है, निवेशक उसके पीछे दौड़ रहे हैं. जिसका फायदा RRP सेमीकंडक्टर को मिला है.

फ्री फ्लोट नहीं के बराबर


दूसरा एक बहुत बड़ा कारण है, कि इसके फ्री फ्लोट शेयर बहुत कम हैं, या न के बराबर हैं. इसके 1% शेयर ही मार्केट में ट्रेडिंग के लिए मौजूद हैं यानीन फ्री फ्लोट है, जो कि सिर्फ 4,000 शेयर होते हैं. बाकी 99% शेयर RRP के प्रमोटर्स और उनके करीबियों के पास जो कि 31 मार्च, 2026 तक लॉक इन में हैं. यानी ये शेयर ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध नहीं है. जब बाजार में ट्रेडिंग के लिए शेयर कम होते हैं और डिमांड बहुत ज्यादा होती है तो शेयरों के भाव आसमान पर पहुंच जाते हैं. यहीं RRP के साथ हो रहा है.

एशियाई देशों में भी AI बूम को लेकर चेतावनी


ऐसा नहीं है कि सिर्फ भारत ही ऐसी चुनौतियों से जूझ रहा है, RRP को लेकर भारत के रेगुलेटर और एक्सचेंज चिंतित हैं तो दूसरे एशियाई देश भी अपने निवेशकों को चेतावनी दे रहे हैं. एशिया के स्टॉक एक्सचेंज और चिप बनाने वाली कंपनियां अब निवेशकों को चेतावनी दे रही हैं कि AI के शेयरों के पीछे भागने में बड़ा जोखिम है. शंघाई में मूर थ्रेड्स टेक्नोलॉजी जो कि एक नई लिस्ट हुई AI चिप स्टार्टअप है, इसके बाद 12 दिसंबर को 13% टूट गई, भले ही इस महीने की शुरुआत में लिस्टिंग से अब तक स्टॉक 500% से ज्यादा ऊपर है. दक्षिण कोरिया में SK हाइनिक्स कंपनी के शेयर गिर गए जब देश के वहां के एक्सचेंज ने 11 दिसंबर को रिस्क अलर्ट बढ़ाया, क्योंकि 2025 में शेयर तीन गुना से ज्यादा बढ़ चुके थे.

फिर भी RRP से बाहर नहीं आ पा रहे निवेशक


भारत में चेतावनी के बावजूद कुछ निवेशकों ने RRP सेमीकंडक्टर का दामन नहीं छोड़ा, वो इस बात को भूल गए कि वो कितना भी चाह लें, उन्हें शेयर नहीं मिलेंगे, क्योंकि इसका फ्री फ्लोट नहीं के बराबर है. इस कंपनी के करीब 98% शेयर इन्वेस्टर राजेंद्र चोडणकर और उनके साथियों के पास हैं, इनमें से कई लोग दूसरी RRP से जुड़ी कंपनियों में भी दिखते हैं, जैसे RRP डिफेंस, इंडियन लिंक चेन मैन्युफैक्चरर्स, RRP इलेक्ट्रॉनिक्स और RRP S4E इनोवेशन.

इस साल अप्रैल में एक्सचेंज ने कंपनी की शेयर बिक्री की मंजूरी वापस ले ली. RRP ने इस फैसले को कोर्ट में चुनौती दी है और फैसला आना अभी बाकी है. अक्टूबर में एक्सचेंज ने निवेशकों को चेतावनी दी. यह मंजूरी वापस लेना सितंबर 2024 में सेबी की याद दिलाने के बाद हुआ कि कंपनी सिक्योरिटीज मार्केट से प्रतिबंधित है क्योंकि वह श्री विंध्य पेपर मिल्स के फाउंडर ग्रुप से जुड़ी है. उस कंपनी को 2017 में नियम न मानने की वजह से BSE ने डीलिस्ट कर दिया था और 10 साल का मार्केट प्रतिबंध लगा था.

अप्रैल 2024 में जब स्टॉक 20 रुपये से तेजी से ऊपर जाने लगा, तो कंपनी के सबसे बड़े शेयरधारक राजेंद्र चोडणकर ने बोर्ड से इस्तीफा दे दिया और CFO ने नौकरी छोड़ दी, लेकिन बाद में कंपनी सचिव बनकर वापस आ गए. RRP इस बात को लेकर भी सफाई दे चुकी है कि कंपनी का क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर से कोई संबंध नहीं है और चिप बनाने के लिए महाराष्ट्र सरकार से उसको कोई जमीन नहीं मिली है. 3 नवंबर की एक्सचेंज फाइलिंग में कंपनी ने साफ कहा कि उसने “अभी तक कोई सेमीकंडक्टर बनाने की गतिविधि शुरू नहीं की है”, सरकारी कार्यक्रमों में कोई आवेदन नहीं दिया, और किसी सेलिब्रिटी से कोई संबंध नहीं है.