
नई दिल्ली। नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल की मुंबई बेंच ने दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड केस में पिरामल ग्रुप के रिजोल्यूशन प्लान को सशर्त अनुमति दे दी है। उल्लेखनीय है कि पिरामल ग्रुप के रिजॉल्यूशन प्लान को क्रेडिटर्स की कमेटी ने इसी वर्ष जनवरी माह में अपनी परमिशन दे दी थी। इसके बाद फरवरी में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने इसे स्वीकृत कर दिया था। तत्पश्चात् कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) ने भी अप्रैल माह में इसे अपनी अनुमति दे दी थी।
इस पूरे मामले में पिरामल ग्रुप की कंपनी पिरामल कैपिटल एंड हाउसिंग फाइनेंस ने दीवान हाउशिंग फाइनेंस लिमिटेड को 37 हजार 250 करोड़ रुपए में टेक ओवर करने का ऑफर दिया था। ऑफर के तहत DHFL के पूरे बिजनेस को पिरामल ग्रुप की कंपनी में मर्ज करना, कंपनी को डीलिस्ट करवाना तथा इक्विटी को राइट ऑफ करने जैसी कई बातें कही गई थीं।
इस पूरे मामले पर बहस सुनते हुए मुंबई बेंच ने दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड के पूर्व प्रमोटर कपिल बधावन की उस अपील को भी खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने रिजॉल्यूशन प्लान की कॉपी उपलब्ध कराने की मांग की थी। आपको बता दें कि बधावन ने सुप्रीम कोर्ट में भी इस मामले को लेकर अपील की हुई है जिसके कारण आगे भी पिरामल ग्रुप को DHFL का टेक ओवर करने में कई लीगल अड़चनों का सामना करना पड़ सकता है। लीगल एक्सपर्ट्स का मानना है कि अभी इस मामले को सुलझने में लंबा वक्त लग सकता है।
Published on:
07 Jun 2021 02:27 pm
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