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आम आदमी के लिए अब फ्री नहीं होगी WhatsApp, Skype, Zoom, Telegram पर वीडियो कॉलिंग, सरकार ला रही नया बिल

New Telecom Bill : जल्द ही आम आदमी को WhatsApp, Skype, Zoom, Telegram और Google Duo जैसे ऐप्स पर कॉलिंग के लिए पैसे देने पड़ सकते हैं। केंद्र सरकार ने Indian Telecommunication Bill 2022 का ड्राफ्ट तैयार किया है जिसके तहत नए नए लागू होंगे।

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Mahima Pandey

Sep 24, 2022

New telecom law will apply to WhatsApp, Signal, others, Centre proposes

New telecom law will apply to WhatsApp, Signal, others, Centre proposes

अब WhatsApp, Skype, Zoom, Telegram और Google Duo पर वीडियो कॉल करना अब फ्री नहीं होगा। इसपर भी अब शुल्क लगेगा। केंद्र सरकार अब नया बिल लेकर आ रही है जिसका नाम है Indian Telecommunication Bill 2022 और इसे पारित हो जाने के बाद वॉट्सऐप, जूम और गूगल डुओ को टेलीकॉम लाइसेंस के दायरे में आ जाएंगे। इसका मतलब ये है कि आम आदमी के लिए अपने रिश्तेदारों और दोस्तों से बात करना अब फ्री नहीं होगा।

दरअसल, केंद्र सरकार Indian Telecommunication Bill 2022 लाने पर विचार कर रही है जिसमें कई चीजें शामिल हैं। इस बिल के मुताबिक WhatsApp, Skype, Zoom, Telegram और Google Duo जैसे कॉलिंग और मैसेजिंग ऐप्स को अब लाइसेंस लेना अनिवार्य हो जाएगा। इसका मतलब ये है कि टेलीकॉम कंपनियों की तरह इन्हें भी अब लाइसेन्स लेना पड़ेगा। इसका मतलब ये है कि अब इन Apps को भी टेलीकॉम का हिस्सा माना जाएगा। यही नहीं अब OTT प्लेटफॉर्म्स को इस बिल के अंतर्गत लाया जाएगा।


इस प्रस्ताव को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि जल्द ही WhatsApp कॉलिंग और अन्य ऐप्स के लिए लोगों को शुल्क देना होगा।

हालांकि, इसकी जानकारी नहीं उपलब्ध कराई गई है कि ये लाइसेन्स कब मिलेगा और और किन ऑपरेशंस के लिए इसकी जरूरत होगी और कितना खर्च करना पड़ेगा। यदि कोई कंपनी अपने लाइसेन्स का सरेंडर करती है तो उसे रिफ़ंड मिल जाता है। गौर करें तो हम डाटा कोस्ट के रूप में कॉल के लिए शुल्क देते ही हैं, लेकिन लाइसेन्स के बाद क्या स्थिति होगी इसकी कोई जानकारी नहीं है।

इस ड्राफ्ट के अनुसार, "टेलीकम्युनिकेशन सर्विस और टेलीकम्युनिकेशन नेटवर्क के प्रावधानों के तहत एक एन्टिटी को लाइसेन्स लेना होगा।" हालांकि, सरकार ने इस ड्राफ्ट के लिए 20 अक्टूबर तक इंडस्ट्री और आम लोगों से राय भी मांगी है।

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इस बिल से टेलीकॉम इंडस्ट्री के पुनर्गठन और नई तकनीक को अपनाने का रोडमैप तैयार किया जाएगा। साइबर सिक्योरिटी, राष्ट्रीय सुरक्षा और अन्य खतरों से निपटने के लिए तैयारी की जाएगी। इससे आने वाले समय में कानूनी ढांचा भी मजबूत होगा।