
सरकार पीएफ निकासी के नए नियम लाने की तैयारी कर रही है। (PC: Pixabay)
PF Withdrawal Rules: केंद्र सरकार PF खाते से धन निकासी में ज्यादा रियायत देने पर विचार कर रही है। इसके लिए केंद्रीय श्रम मंत्रालय ईपीएफओ के साथ मिलकर पीएफ खाते से निकासी के नियमों में बदलाव करने की तैयारी में है। सरकार की मंशा है कि कर्मचारी अपनी जरूरत के समय पर ज्यादा धनराशि पीएफ खाते से निकाल पाएं। सरकार विचार कर रही है कि कर्मचारी को 10 वर्ष की नियमित सेवा के बाद पीएफ खाते से 60-70% तक या पूरी धनराशि निकासी की अनुमति दी जाए। इससे कर्मचारियों के पास जरूरत पड़ने पर ज्यादा राशि उपलब्ध होगी। साथ ही हर 10 वर्ष के अंतराल पर पूरी सेवा के दौरान तीन बार ज्यादा धनराशि निकासी की अनुमति दिए जाने की उम्मीद है।
नए नियमों का ईपीएफओ से जुड़े करीब 7.5 करोड़ सदस्यों को लाभ होगा, जो अपनी जरूरत पर अधिक धनराशि निकाल पाएंगे। यह बदलाव खासतौर पर उन लोगों की मदद करेगा, जो 58 साल की उम्र तक इंतजार नहीं करना चाहते और जल्दी रिटायर होना चाहते हैं। फिलहाल आप अपना पूरा पीएफ तभी निकाल सकते हैं जब 58 साल की उम्र में रिटायर हों या नौकरी छोड़ने के बाद दो महीने तक बेरोजगार रहें। मौजूदा समय में पीएफ खाते से सदस्य को मेडिकल, घर खरीदने, बच्चों की पढ़ाई, घर में शादी व कुछ अन्य जरूरी कार्यों के लिए धनराशि निकासी की अनुमति है, लेकिन उसमें भी तमाम सारी शर्तें हैं, जिनमें तय सीमा तक ही निकासी की जा सकती है।
रिटायरमेंट का पैसा कम होगा: अगर कर्मचारी बीच-बीच में पीएफ से बड़ी रकमें निकाल लेंगे, तो जाहिर है कि जब वे रिटायर होंगे, तब उनके खाते में पैसा कम बचेगा।
ब्याज का नुकसान: पीएफ लंबे समय के लिए बचत करने और उस पर अच्छा ब्याज पाने का जरिया है। बीच में पैसा निकालने से चक्रवृद्धि ब्याज (कंपाउंड इंटरेस्ट) का फायदा कम मिलेगा। इसका मतलब है कि आपका जमा किया पैसा उतनी तेजी से नहीं बढ़ पाएगा।
भविष्य की चिंता: रिटायरमेंट के बाद के लिए जो वित्तीय सुरक्षा पीएफ से मिलती है, वह कमजोर हो सकती है।
Published on:
19 Jul 2025 09:30 am
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