इन एयरक्राफ्ट्स को टाटा ग्रुप और एयरबस (Airbus) की तरफ से तैयार करा जाएगा। इनमें से 16 एयरक्राफ्ट्स की सप्लाई एयरबस की ओर से की जाएगी, जो रेडी टू मूव होंगे। इसके अलावा बाकी 40 की असेंबलिंग टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड की ओर से होगी। मेक इन इंडिया योजना के तहत इस स्कीम को आगे बढ़ाया जाना है।
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उड्डयन क्षेत्र के लिए बड़ा कदम
इस फैसले की तारीफ करते हुए रतन टाटा ने कहा कि यह फैसला विमानन और उड्डयन क्षेत्र के लिए बड़ा कदम है। रक्षा मंत्रालय ने 56 ‘सी-295’ परिवहन विमानों की खरीद को लेकर स्पेन की ‘एयरबस डिफेंस एंड स्पेस’ के साथ करीब 20 हजार करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए। भारतीय वायु सेना के एवरो-748 विमानों की जगह ये विमान लेंगे। अधिकारियों के अनुसार यह अपनी तरह की पहली परियोजना है। इसमें एक निजी कंपनी भारत में सैन्य विमान का निर्माण करेगी।
4 साल में 16 एयरक्राफ्ट्स भारत को मिलेंगे
अनुबंध पर हस्ताक्षर के 48 माह के अंदर एयरबस डिफेंस एंड स्पेस 16 विमान को भारत को सौंपेगा। बाकी 40 विमानों का निर्माण भारत में करा जाना है। एयरबस डिफेंस एंड स्पेस और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (टीएएसएल) द्वारा अनुबंध पर हस्ताक्षर के 10 वर्षों के अंदर इनका निर्माण कार्य होगा। रतन टाटा ने एक बयान में कहा कि ‘सी-295 के निर्माण के लिए एयरबस डिफेंस और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स के बीच संयुक्त परियोजना की मंजूरी भारत में विमानन और उड्डयन परियोजनाओं को शुरू करने की दिशा में बड़ा कदम है।’