
Affordable Hosing: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने प्राथमिक क्षेत्र ऋण यानी प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग (PSL) के नियमों में बड़े बदलाव की घोषणा की है। नए नियम 1 अप्रेल 2025 से लागू होंगे। एसबीआइ (SBI) रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार, आरबीआइ (RBI) की ओर से पीएसएल (PSL) में किए गए ये बदलाव एमएसएमई (MSME), कृषि क्षेत्र, रिन्यूएबल एनर्जी, किफायती आवास और कमजोर वर्गों जैसे क्षेत्रों में ऋण प्रवाह को बढ़ावा देंगे, जो समावेशी और सतत विकास के लक्ष्यों के अनुरूप हैं। आरबीआइ ने संशोधित गाइडलाइंस में हाउसिंग लोन (Hosing Loan) की सीमा और अधिकतम मकान लागत को काफी हद तक बढ़ा दिया है। पहले जहां दो श्रेणियां होती थीं, अब पपीएसएल के तहत हाउसिंग लोन के लिए तीन श्रेणियां तय की हैं।
SBI रिसर्च के मुताबिक, यह कदम विभिन्न आय वर्गों, विशेषकर छोटे शहरों में कम लागत यानी किफायती आवास को बढ़ावा देगा, जहां महामारी के बाद मकान की बढ़ती मांग को देखते हुए बैंक और एनबीएफसी बड़ी संभावनाएं तलाश सकती हैं। आरबीआइ ने अब पुराने या टूटे-फूटे मकानों की मरम्मत के लिए मिलने वाले लोन की सीमाबढ़ा दी है। इससे मकान मालिकों को लाभ होगा।
RBI ने 24 मार्च 2025 को प्राथमिक क्षेत्र ऋण (Priority Sector Lending – PSL) से संबंधित संशोधित गाइडलाइंस जारी किए हैं। नए गाइडलाइंस 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होंगे और इनमें निम्नलिखित प्रमुख बदलाव शामिल हैं:
> प्राथमिक क्षेत्र ऋण (PSL) कवरेज को बढ़ाने के उद्देश्य से, हाउसिंग लोन सहित कई लोन सीमाओं में वृद्धि।
> ‘रिन्यूएबल’ श्रेणी के तहत लोन को वर्गीकृत किए जाने के आधारों का विस्तार।
> शहरी सहकारी बैंकों (UCBs) के लिए कुल PSL लक्ष्य को संशोधित कर उनके समायोजित शुद्ध बैंक क्रेडिट (ANBC) या ऑफ-बैलेंस शीट एक्सपोज़र (CEOBSE) के क्रेडिट समतुल्य — जो भी अधिक हो — का 60% किया गया है।
> ‘कमजोर वर्गों’ की श्रेणी के तहत पात्र उधारकर्ताओं की सूची का विस्तार, साथ ही UCBs द्वारा व्यक्तिगत महिला लाभार्थियों को दिए जाने वाले ऋण की अधिकतम सीमा को हटा दिया गया है।
> संशोधित गाइडलाइंस के बढ़े हुए दायरे से अर्थव्यवस्था के प्राथमिक क्षेत्रों में बैंक लोन के बेहतर लक्षित वितरण की संभावना है।
RBI द्वारा प्राथमिक क्षेत्र ऋण (PSL) गाइडलाइंस में किए गए बदलावों के तहत कारीगरों और महिला लाभार्थियों के लिए ऋण सीमा को ₹1 लाख से बढ़ाकर ₹2 लाख कर दिया गया है। इसके अलावा, अब ट्रांसजेंडर और संयुक्त दायित्व समूह (JLG) के सदस्यों को भी PSL की पात्रता में शामिल कर लिया गया है। कृषि क्षेत्र में भी बड़ी राहत दी गई है—वेयरहाउस रिसीट्स के विरुद्ध ऋण सीमा को बढ़ाकर ₹4 करोड़ कर दिया गया है, जबकि किसान उत्पादक संगठनों (FPOs/FPCs) के लिए ऋण सीमा ₹5 करोड़ से बढ़ाकर ₹10 करोड़ कर दी गई है।
Updated on:
27 Mar 2025 08:43 am
Published on:
27 Mar 2025 08:40 am
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