
April New Rules: मार्च का महीना समाप्त होने वाला है और इसके साथ ही कई महत्वपूर्ण नियमों में बदलाव होने जा रहे हैं, जो आम आदमी की जेब पर सीधा असर डालेंगे। 1 अप्रैल 2025 से एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमतों, यूपीआई पेमेंट सर्विस, जीएसटी नियमों, बैंकिंग नीतियों और एटीएम से नकदी निकासी पर नई शर्तें लागू होने वाली हैं। इन बदलावों को नजरअंदाज करना महंगा पड़ सकता है क्योंकि कुछ मामलों में नियमों का पालन न करने पर जुर्माना भी लगाया जाएगा।
आइए जानते हैं कि 1 अप्रैल से किन-किन क्षेत्रों में महत्वपूर्ण बदलाव होंगे और ये आम जनता को कैसे प्रभावित करेंगे।
हर महीने की एक तारीख को एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमतों की समीक्षा की जाती है। सरकारी तेल कंपनियां घरेलू और कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमतों में संशोधन कर सकती हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों और डॉलर-रुपये की विनिमय दरों के आधार पर नई दरें तय होती हैं। इस बदलाव का सीधा असर आम उपभोक्ताओं और व्यवसायों पर पड़ेगा। यदि कीमतों में बढ़ोतरी होती है, तो घरेलू बजट पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा, जबकि कमी होने से राहत मिलेगी।
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने यूपीआई भुगतान प्रणाली को और सुरक्षित बनाने के लिए डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफ़ॉर्म (DIP) को लागू करने का निर्देश दिया है। इसके तहत मोबाइल नंबर रिवोकेशन लिस्ट (MNRL) का उपयोग किया जाएगा, जिससे पुराने और निष्क्रिय मोबाइल नंबरों को यूपीआई डेटाबेस से हटाया जा सकेगा।
बैंकों और भुगतान सेवा प्रदाताओं (PSP) को 31 मार्च तक अपने सिस्टम को अपडेट करना होगा, ताकि जिन मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल अब नहीं किया जा रहा है, उन्हें यूपीआई सिस्टम से हटा दिया जाए। इस बदलाव के बाद निष्क्रिय मोबाइल नंबर से जुड़ा कोई भी यूपीआई अकाउंट काम नहीं करेगा।
एक अप्रैल से इनपुट टैक्स डिस्ट्रीब्यूटर (ISD) सिस्टम लागू होगा। इस नए नियम के तहत, व्यवसायों को इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) प्राप्त करने के लिए अनिवार्य रूप से पंजीकरण कराना होगा। इससे पहले, कंपनियों के पास इस प्रणाली को अपनाने या न अपनाने का विकल्प था। अगर कोई व्यवसाय इस प्रक्रिया को नहीं अपनाता है, तो उसे ITC लाभ नहीं मिलेगा। इतना ही नहीं, नियमों का उल्लंघन करने पर 10,000 रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 1 अप्रैल 2025 से कई नए बैंकिंग नियम लागू करने की घोषणा की है, जिनका सीधा असर SBI, PNB, Canara, HDFC जैसे सार्वजनिक और निजी बैंकों के खाताधारकों पर पड़ेगा।
— कुछ बैंकों ने बचत खातों में न्यूनतम बैलेंस की सीमा बढ़ाने का निर्णय लिया है।
— यदि खाताधारक न्यूनतम बैलेंस बनाए नहीं रखते हैं, तो उन्हें जुर्माना भरना पड़ सकता है।
Updated on:
26 Mar 2025 02:18 pm
Published on:
25 Mar 2025 08:28 pm
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