scriptRepo Rate Hike : सालाना करीब 2500 रुपए बढ़ेगी EMI, प्रति माह लगेगी करीब 240 रुपए की चपत | Repo Rate Hike : Loan gets costlier about 2500 Rs per year , CRR rise | Patrika News

Repo Rate Hike : सालाना करीब 2500 रुपए बढ़ेगी EMI, प्रति माह लगेगी करीब 240 रुपए की चपत

locationजयपुरPublished: May 04, 2022 05:21:00 pm

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Swatantra Jain

आज अचानक आरबीआई द्वारा अचानक रेपो रेट के बढ़ाए जाने से शेयर- फाइनेंशियल मार्केट के सभी लोग हैरान नजर आए। पिछली मीटिंग में आरबीआई ने अपना नजरिया भी एकमोडेटिव बनाए रखा था। मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की अगली मीटिंग 6 से 8 जून तक थी। पर आरबीआई ने जून का इंतजार नहीं किया और एक मत से मॉनेटरी पॉलिसी ने रेपो रेट बढ़ा दिया है। रेपो रेट के साथ RBI ने सीआरआर में भी 0.50% की बढ़ोतरी की है। CRR भी 4.5 प्रतिशत हो गया है। बता दें पिछले महीने महंगाई 6.95% हो गई थी। RBI की चिंता मुख्य रूप से महंगाई ही दिख रही है।

RBI governor Warns

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, अब रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से नई तरह की चुनौतियां पैदा हो गईं और लगातार बढ़ता जा रहा है महंगाई का दबाव

हाईलाइट्स
एक लाख के होम लोन पर प्रतिमाह 19 से 27 रुपए महंगा हुआ होमलोन
आरबीआई ने रेपो रेट के साथ सीआरआर भी 0.50 प्रतिशत बढ़ाया
रिजर्व बैंक ने दो साल बाद 0.40 फीसदी बढ़ाया रेपो रेट
अब होम-ऑटो सहित सभी लोन हो जाएंगे महंगे, बढ़ेगा ईएमआई का बोझ
जयपुर। जिसका डर था वही हो गया। आरबीआई ने रेपो रेट को एक झटके में सीधे 0.40 प्रतिशत बढ़ा दिया है। इसी के साथ होम लोन और दूसरे लोन का महंगा होना तय है। जल्दी ही सभी बैंक ब्याज दरें बढ़ा सकते हैं। विशेष रूप से होम लोन पर सबसे अधिक चपत लगने वाली है। सर्टिफाइड प्लानर विनोद फोगला की मानें तो एक लाख रुपए का होमलोन प्रतिमाह करीब 19 से 27 रुपए तक महंगा हो जाएगा।
कमोडिटी और पेट्रोल-डीजल की महंगाई को बताया जिम्मेदार

बता दें, आज अचानक एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने महंगाई के दबाव में करीब दो साल बाद रेपो रेट बढ़ा दिया है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार दोपहर अचानक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस करके रेपो रेट में 0.40 फीसदी बढ़ोतरी की जानकारी दी। गवर्नर दास ने कहा, ग्‍लोबल मार्केट में कमोडिटी की बढ़ती कीमतों और पेट्रोल-डीजल सहित अन्‍य ईंधन के बढ़ते दबाव की वजह से हमें रेपो रेट में बदलाव करना पड़ रहा है। अब रेपो रेट 4 फीसदी की बजाए 4.40 फीसदी रहेगी। आरबीआई ने मई, 2020 के बाद से रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया था। माना जा रहा था कि जून से रेपो रेट में बढ़ोतरी हो सकती है, लेकिन उससे पहले ही गवर्नर ने अचानक दरें बढ़ाकर सभी को चौंका दिया है।
महंगाई थामने के लिए बढ़ाया रेपो रेट

गवर्नर ने कहा कि हम पिछले दो साल से कोविड-19 महामारी से जूझ रहे थे और इस दौरान तमाम तरह की सहूलियतें दी गईं। अब रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से नई तरह की चुनौतियां पैदा हो गईं और महंगाई का दबाव भी लगातार बढ़ता जा रहा है। ऐसे में हमें रेपो रेट में 0.40 फीसदी की बढ़ोतरी करनी पड़ी। इस कदम से खुदरा महंगाई को थामने में मदद मिलेगी। ग्‍लोबल मार्केट में न सिर्फ कमोडिटी के दाम लगातार बढ़ रहे हैं, बल्कि सप्‍लाई पर भी बुरा असर पड़ रहा है। ऐसे हालात में हमें रेपो रेट को बढ़ाना ही पड़ा।
मध्यम वर्ग के होम लोन खर्च में सालाना करीब 2500 रुपए की बढ़ोतरी

सर्टिफाइड प्लानर विनोद फोगला की मानें तो एक लाख रुपए का होमलोन प्रतिमाह करीब 19 से 27 रुपए तक महंगा हो जाएगा और सालाना इसका असर 324 रुपए से लेकर 228 रुपए तक हो सकता है। सीए दिनेश जैन की मानें तो सभी प्रकार के लोन महंगे होने जा रहे हैं। अब तरलता का दौर खत्म हो रहा है। आगे कुछ समय तक यही दौर चलता रहेगा। हमारे एक्सपर्ट विनोद फोगला और दिनेश जैन के अनुसार अब एक लाख के लोन पर आप पर इस तरह से ईएमआई का बोझ बढ़ना कमोबेश तय है। जितना ज्यादा लोन होगा और जितनी अधिक अवधि के लिए ये होगा, ईएमआई उतनी ही अधिक बढ़ेगी।
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एक लाख के लोन पर प्रतिमाह 19 से 27 रुपए महंगा होना तय माना जा रहा है होमलोन। अब होम-ऑटो सहित सभी लोन महंगे हो जाएंगे, इससे मध्यम वर्ग पर ईएमआई का बोझ बढ़ेगा। IMAGE CREDIT: एक लाख के लोन पर प्रतिमाह 19 से 27 रुपए महंगा होना तय माना जा रहा है होमलोन। अब होम-ऑटो सहित सभी लोन महंगे हो जाएंगे, इससे मध्यम वर्ग पर ईएमआई का बोझ बढ़ेगा।
बैंकों का सीआरआर भी 0.50 फीसदी बढ़ाया, बैंकों में कैश होगा कम
आरबीआई ने बाजार में मौजूद अतिरिक्‍त पूंजी तरलता को घटाने के लिए बैंकों का सीआरआर भी 0.50 फीसदी बढ़ा दिया है। अब बैंकों का कैश रिजर्व रेशियो (CRR) बढ़कर 4.50 फीसदी हो गया है। गवर्नर दास ने कहा कि इस कदम से बाजार में मौजूद करीब 83,711.55 करोड़ रुपये की अतिरिक्‍त पूंजी को वापस बैंकों में लाया जा सकेगा। सीआरआर की नई दरें 21 मई, 2022 की मध्‍यरात्रि से प्रभावी हो जाएंगी।
आखिर बढ़ती बांड यील्‍ड ने दिखाया असर

सरकारी बांड पर यील्‍ड यानी प्रतिफल बढ़कर मई, 2019 के बाद सबसे उच्‍च स्‍तर पर पहुंच गया है। 10 साल का बांड यील्‍ड 0.30 फीसदी बढ़कर 7.39 फीसदी पहुंच गया, जो तीन साल का उच्‍चतम स्‍तर है। इसके अलावा महंगाई दर भी मार्च में 7 फीसदी के आसपास रही थी, जो आरबीआई के तय 6 फीसदी के दायरे से काफी ज्‍यादा है। गवर्नर दास ने कहा कि हमारी पहली कोशिश खुदरा महंगाई को 6 फीसदी से नीचे रखना है।
आर्थिक स्थिरता और प्रगति पर खास जोर

गवर्नर दास ने आज के प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में सारा जोर अर्थव्‍यवस्‍था की स्थिरता और आर्थिक प्रगति पर दिया। उन्‍होंने कहा कि मौजूदा संकट की वजह से ग्‍लोबल इकॉनमी एक बार फिर मुसीबत में पड़ती दिख रही है। महंगाई का दबाव सभी देशों में पर है और वहां के केंद्रीय बैंक ब्‍याज दरें बढ़ाकर इसे काबू करने का प्रयास कर रहे हैं। नीतिगत फैसलों को लेकर हमारा रुख अब भी नरम है, लेकिन महंगाई को घटाकर आर्थिक प्रगति का रास्‍ता बनाने के लिए रेपो रेट में बढ़ोतरी करना जरूरी हो गया था।

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