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बैंकिंग-पेंशन और रेलवे टिकट बुकिंग तक, 1 अक्टूबर से बदल जाएंगे ये 7 नियम: जानिए आप पर क्या होगा असर

New Rule From October 1: अक्टूबर की पहली तारीख से बैंकिंग, पेंशन, रेलवे टिकट बुकिंग समेत सात बड़े क्षेत्रों में नए नियम लागू होने जा रहे है। इन नए नियमों का सीधा आम आदमी पर असर पड़ने वाला है।

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Rule Change 2025

बदल जाएंगे ये 7 बड़े नियम

New Rule From October 1: अक्टूबर का महीना न केवल त्योहारों का है, बल्कि कई महत्वपूर्ण नियमों में बदलाव का भी। अक्टूबर की पहली तारीख से बैंकिंग, पेंशन, रेलवे टिकट बुकिंग समेत सात बड़े क्षेत्रों में नए नियम लागू हो जाएंगे। ये बदलाव उपभोक्ताओं की जेब पर सीधा असर डालेंगे। कुछ में सुविधा बढ़ेगी, तो कुछ में अतिरिक्त सावधानी बरतनी पड़ेगी। ये नियम डिजिटल भुगतान को सुरक्षित बनाने, निवेश को लचीला करने और दलाली रोकने जैसे उद्देश्यों से लागू हो रहे हैं। आइए जानते हैं इन सात नियमों का विस्तार से विवरण और इनका आपके दैनिक जीवन पर प्रभाव।

रेलवे टिकट बुकिंग में आधार वेरिफिकेशन अनिवार्य: दलालों पर लगेगी लगाम

    रेलवे ने जनरल रिजर्वेशन काउंटर खुलने के शुरुआती 15 मिनट में टिकट बुकिंग को केवल आधार-वेरिफाइड IRCTC अकाउंट धारकों तक सीमित कर दिया है। यह तत्काल टिकट बुकिंग की तर्ज पर लागू होगा, ताकि दलालों और ब्लैकमार्केटिंग पर अंकुश लगे। यदि आपका IRCTC अकाउंट आधार से लिंक नहीं है, तो आपको शुरुआती घंटों में टिकट मिलने में मुश्किल होगी।

    असर: लगभग 10 करोड़ से अधिक यात्री प्रभावित होंगे।
    जेब पर असर? सीधा वित्तीय नुकसान नहीं, लेकिन यात्रा महंगी हो सकती है यदि बाद में प्रीमियम टिकट लेना पड़े। IRCTC ऐप पर तुरंत आधार लिंकिंग की सुविधा उपलब्ध है, इसे अभी कर लें।

    NPS में मल्टीपल स्कीम फ्रेमवर्क: पेंशन निवेश बनेगा आसान

      पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में मल्टीपल स्कीम फ्रेमवर्क (MSF) पेश किया है। अब गैर-सरकारी कर्मचारी, कॉर्पोरेट पेशेवर और गिग वर्कर्स एक ही PAN नंबर से कई स्कीमों में निवेश कर सकेंगे। पहले एक PAN के साथ केवल एक स्कीम संभव थी।

      असर: रिटायरमेंट प्लानिंग में लचीलापन बढ़ेगा, खासकर युवा गिग वर्कर्स के लिए।
      जेब पर असर? लंबे समय में बेहतर रिटर्न से बचत बढ़ेगी, लेकिन जोखिम वाले स्कीम चुनने पर नुकसान का खतरा। PFRDA के अनुसार, यह 5 करोड़ NPS सब्सक्राइबर्स को फायदा पहुंचाएगा।

      UPI का कलेक्ट रिक्वेस्ट फीचर बंद: धोखाधड़ी पर लगेगा ब्रेक

        NPCI ने UPI के 'कलेक्ट रिक्वेस्ट' या 'पुल ट्रांजेक्शन' फीचर को बंद करने का फैसला लिया है। अब आप किसी से सीधे पैसे मांगने के लिए UPI रिक्वेस्ट नहीं भेज सकेंगे। यह फिशिंग और फ्रॉड रोकने के लिए है।

        असर: दैनिक बैंकिंग लेनदेन बदल जाएंगे-दोस्तों से पैसे मांगने के लिए फोन या अन्य तरीके अपनाने पड़ेंगे।
        जेब पर असर? अप्रत्यक्ष रूप से फायदा, क्योंकि फ्रॉड केस 20% कम हो सकते हैं। NPCI के आंकड़ों से सालाना 50 करोड़ फर्जी रिक्वेस्ट रुकेंगी।

        क्रेडिट कार्ड पर EMI पर ब्याज गणना: महंगे कर्ज से सावधान

          रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने क्रेडिट कार्ड पर EMI की ब्याज गणना को सख्त किया है। अब ब्याज पूरी अवधि के बजाय मासिक आधार पर लगेगा, और लेट पेमेंट पर पेनल्टी बढ़ेगी। न्यूनतम ड्यू डेट मिस करने पर 3% अतिरिक्त चार्ज लगेगा।

          असर: शॉपिंग और लोन लेने वालों को प्रभावित करेगा।
          जेब पर असर? EMI महंगी हो जाएगी-उदाहरण के लिए, 50,000 रुपये के लोन पर 18% ब्याज पहले 9,000 रुपये था, अब 10,500 तक पहुंच सकता है। समय पर पेमेंट जरूरी।

          LPG सिलेंडर सब्सिडी Aadhaar से लिंक: गैस बिल में बदलाव

            1 अक्टूबर से LPG सब्सिडी केवल आधार-लिंक्ड अकाउंट में आएगी। DBT सिस्टम के तहत सब्सिडी सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर होगी, लेकिन आधार वेरिफिकेशन अनिवार्य।

            असर: 30 करोड़ घरों पर असर।
            जेब पर असर? सब्सिडी समय पर मिलने से 200-300 रुपये प्रति सिलेंडर की बचत, लेकिन लिंकिंग न होने पर पूर्ण कीमत चुकानी पड़ेगी।

            इलेक्ट्रिक वाहनों पर रोड टैक्स में छूट: EV खरीद सस्ती

              कई राज्य EV पर रोड टैक्स में 5-10 साल की छूट दे रहे हैं। दिल्ली-महाराष्ट्र जैसे राज्यों में 100% छूट।

              असर: EV खरीदारों को फायदा।
              जेब पर असर? 1-2 लाख रुपये की बचत, पेट्रोल गाड़ियों की तुलना में लंबे समय में ईंधन खर्च कम।

              ATM से कैश निकासी पर नए शुल्क: मुफ्त लिमिट घटेगी

                बैंकों ने मेट्रो सिटी में मासिक 5 फ्री ट्रांजेक्शन सीमित कर दिए हैं। उसके बाद 20 रुपये प्रति ट्रांजेक्शन चार्ज।

                असर: नकदी पर निर्भर लोगों को झटका।
                जेब पर असर? मासिक 100-200 रुपये अतिरिक्त खर्च, डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा।ये बदलाव उपभोक्ता संरक्षण और डिजिटल इंडिया को मजबूत करेंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि सावधानी से अपनाएं तो जेब सुरक्षित रहेगी। अभी से आधार लिंकिंग और प्लानिंग शुरू करें।