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ऑयल को लेकर रूस का बड़ा फैसला, प्राइस कैप वाले सभी देशो को बंद करेगा एक्सपोर्ट, जानिए भारत पर क्या पड़ेगा असर

एलन मस्क को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर खरीदे हुए अभी सिर्फ 2 महीने ही हुए हैं। पर हाल ही में उन्होंने एक दूसरी कंपनी को खरीदने के आइडिया के लिए खुद को ओपन बताते हुए अपना इंट्रेस्ट दिखा दिया है।

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Russia's new decree for oil export

रूस (Russia) दुनिया में ऑयल के सबसे बड़े एक्सपोर्टर्स में से एक है। दुनिया के कई देशों को रूस ही ऑयल बेचता है और देश की जीडीपी (GDP) का एक बड़ा हिस्सा ऑयल एक्सपोर्ट से आता है। 24 फरवरी, 2022 को यूक्रेन (Ukraine) के खिलाफ युद्ध छेड़ने के बाद रूस पर कई देशों ने प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बावजूद यूरोप और बाहर के कई देशों ने रूस से ऑयल खरीदना जारी रखा। भारत (India) भी रूस से ऑयल खरीदने वाले प्रमुख देशों में से एक है। पर हाल ही में रूस ने ऑयल एक्सपोर्ट को लेकर एक नई पॉलिसी बनाई है।


क्या है रूस की ऑयल एक्सपोर्ट को लेकर नई पॉलिसी?

रूस ने मंगलवार को ऑयल एक्सपोर्ट को लेकर नया आदेश जारी किया है। रूस उन सभी देशो को ऑयल बेचने पर बैन लगाने वाला है जो इस पर प्राइस कैप से सहमत हैं। कुछ हफ्तों पहले ही वेस्टर्न देशों ने रूस के ऑयल पर 60 डॉलर्स (USD) प्रति बैरल का प्राइस कैप लगाया था। कई अन्य देशों ने भी इस प्राइस कैप पर सहमति जताई थी। इसी बात को ध्यान में रखते हुए रूस ने फरवरी 2023 से ऐसे सभी देशों को ऑयल एक्सपोर्ट करने पर बैन लगाने का फैसला लिया है।


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भारत पर क्या असर पड़ेगा?

भारत उन प्रमुख देशों में से है जिन्हें रूस ऑयल एक्सपोर्ट करता है। दोनों देशों के बीच अच्छे संबंधों को देखते हुए रूस, भारत को ऑयल की खरीद पर अच्छा डिस्काउंट भी देता है। वेस्टर्न देशों के रुसी ऑयल पर लगाए गए प्राइस कैप का भारत ने समर्थन नहीं किया था। इस बात की रूस ने तारीफ भी की थी। ऐसे में भारत के रूस से ऑयल खरीदने पर किसी भी तरह का फर्क नहीं पड़ेगा।



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