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न्यू ईयर पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने दिया शानदार तोहफा, होम लोन और कार लोन होगा सस्ता

एसबीआई ने रेपो दरों में की 25 बेसिस प्वाइंट्स की बड़ी गिरावट ईबीआर 8.05 फीसदी प्रति वर्ष से घटकर रह गया है 7.80 फीसदी नई दरें 1 जनवरी, 2020 से होंगी प्रभावी, कारोबारियों को होगा फायदा

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Saurabh Sharma

Dec 30, 2019

SBI clerk junior associate final result 2019

SBI clerk junior associate final result 2019

नई दिल्ली। कुछ दिन पहले भारतीय रिजर्व बैंक ( reserve bank of india ) की ओर से सुगबुगाहट उठी थी नीतिगत दरों में कटौती के बाद भी बैंक उनका लाभ आम लोगों को नहीं दे रहे हैं। इसके लिए बैंकों से बातचीत भी की थी। जिसमें बैंकों की ओर से ब्याज दरों में कटौती का आश्वासन भी दिया था। उस आश्वासन को अमल में लाना शुरू कर दिया गया है। देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ( state bank of india ) की ओर रेपो रेट ( repo rate ) में 0.25 फीसदी यानी 25 बेसिस प्वाइंट्स की बड़ी कटौती की है। इस फैसले के बाद होम लोन और कार लोन की ब्याज दरों में गिरावट आने संभावना बन गई है। बैंक के अनुसार ब्याज दर में इस कमी के साथ अब एक्सटर्नल बेंचमार्क लेंडिंग रेट ( EBR ) 8.05 फीसदी प्रति वर्ष से घटकर 7.80 फीसदी पर रह गया है। नई ब्याज दरें एक जनवरी, 2020 से प्रभावी हो जाएंगी। इस फैसले के बाद ईबीआर पर लोन लेने वाले छोटे एवं मझोले कारोबारियों को भी फायदा होगा।

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होम लोन होगा सस्ता
भारतीय स्टेट बैंक के अनुसार नए मकान खरीदारों के लिए अब ईबीआर के तहत ब्याज दर की शुरुआत 7.90 फीसदी से होगी। इससे यह ब्याज दर 8.15 फीसदी थी। आपको बता दें कि एसबीआई का ईबीआर रिजर्व बैंक रेपो रेट से लिंक है। आरबीआई इस 135 बेसिस प्वाइंट्स यानी 1.35 फीसदी रेपो रेट में कटौती कर चुका है। मौजूदा समय में रेपो रेट 5.15 फीसदी पर है। एसबीआई ईबीआर तय करने के लिए रेपो रेट + 2.65 फीसदी का फॉर्मूला लगाता है। बैंक होम लोन पर 0.10 फीसदी से लेकर 0.75 फीसदी तक का अतिरिक्त प्रीमियम भी लेता है।

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आरबीआई की ओर से दिए गए थे संकेत
आरबीआई ने बीती एमपीसी की बैठक में रेपो रेट में किसी तरह का बदलाव नहीं किया था। वहीं आरबीआई ने जीडीपी के आंकड़े भी पेश किए थे। उसके बाद उन्होंने कहा था कि देश में डिमांड बढ़ाने के लिए लोगों के हाथों में रुपया होने की काफी जरुरत है। साथ ही जरुरत है बैंकों को ब्याज दरों में कटौती करने की। आरबीआई ने साफ कहा था कि रेपो रेट में जितनी कटौती हुई है उसके अनुसार बैंकों की ओर से लोगों को फायदा नहीं दिया है। बैंकों को निर्देश दिए गए थे कि लोगों को फायदा देते हुए ब्याज दरों में कटौती करें। जिसके बाद एसबीआई ने यह फैैसलस लिया है।