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Silver Returns: 25 साल में चांदी ने दिया 26 गुना रिटर्न, 1000 रुपये बन जाते 26000, निवेशकों को मिला बड़ा फायदा

चांदी को अक्सर सोने के मुकाबले कम आंका गया, लेकिन लंबे समय में इसने निवेशकों को जबरदस्त रिटर्न दिया है। साल 2000 में लगाया गया छोटा निवेश आज कई गुना बढ़ चुका है, जिससे चांदी फिर चर्चा में आ गई है।

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भारत

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Thalaz Sharma

Dec 23, 2025

Silver price

Silver Returns: अक्सर सोने की चमक में चांदी दब जाती है, लेकिन इतिहास बताता है कि यह ‘व्हाइट मेटल’ दशकों से निवेशकों का भरोसेमंद सहारा रहा है। बाजार में उतार-चढ़ाव हो, महंगाई बढ़े या वैश्विक अनिश्चितता गहराए लेकिन चांदी ने हर दौर में अपनी मजबूती साबित की है। लंबी अवधि में इसके रिटर्न इतने प्रभावशाली रहे हैं कि आज निवेशक एक बार फिर चांदी की ओर गंभीरता से देखने लगे हैं।

कैसे होता 26 गुना मुनाफा?

बहुत कम लोगों ने चांदी की एहमियत को समझा था। जिसने भी समय रहते इसमें निवेश किया होगा, उसका मुनाफा होना तय है। अगर साल 2000 में किसी ने चांदी में 1,000 रुपये लगाए होते, तो आज उस चांदी की कीमत 27,417 रुपये होती। लगभग 26 गुना का मुनाफा होता बशर्ते, पूरे 25 साल तक निवेश रखना पड़ता।

भारत में सन् 2000 में चांदी का औसतन भाव 7,900 रुपये प्रति किलोग्राम था। इन आंकड़ों के अनुसार, यदि किसी ने सन् 2000 में 100 तोला चांदी यानी 1 किलोग्राम चांदी खरीदी होती, तो आज उसकी कीमत 2,16,596 रुपये होती। कीमत लगभग 27 गुना से ज्यादा बढ़ जाती और लगभग 26 गुना का मुनाफा होता।

चांदी की बढ़ती मांग, 2026 में भी रहेगी मजबूत

येस बैंक की एक रिपोर्ट के मुताबिक, चांदी सिर्फ सुरक्षित निवेश ही नहीं है, बल्कि इसकी मांग कई बड़े सेक्टरों से जुड़ी हुई है। AI बूम, डेटा सेंटर्स, क्लीन एनर्जी, सोलर पैनल और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में चांदी का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल हो रहा है। इसके अलावा, बढ़ते रक्षा खर्च के चलते डिफेंस सेक्टर में भी चांदी की जरूरत बढ़ी है। रिपोर्ट के अनुसार 2026 तक चांदी की मांग मजबूत बनी रह सकती है, जबकि सप्लाई में कमी अक्टूबर से बनी हुई है। अमेरिका द्वारा चांदी को क्रिटिकल मिनरल घोषित करना और चीन में भंडार का दशक के निचले स्तर पर पहुंचना भी कीमतों को सहारा दे रहा है।

किन कारणों से बढ़े रेट?

सप्लाई की कमी, भू-राजनीतिक तनाव और औद्योगिक मांग के बीच चांदी ने कई मौकों पर सोने से भी बेहतर प्रदर्शन किया है। लंबी अवधि में इसके रिटर्न इतने प्रभावशाली रहे हैं कि आज निवेशक एक बार फिर इस धातु की ओर गंभीरता से देखने लगे हैं। घरेलू बाजार में भी कीमती धातुओं में जबरदस्त तेजी देखने को मिली है।

MCX पर चांदी 1.7% उछलकर 2,16,596 रुपये प्रति किलोग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई, जबकि सोना 1.1% बढ़कर 1,38,300 रुपये प्रति 10 ग्राम के नए उच्चतम स्तर पर ट्रेड करता दिखा। साल 2025 में चांदी ने सोने से बेहतर प्रदर्शन दिया है। जहां चांदी की कीमतों में अब तक करीब 140% की बढ़त हुई है, वहीं सोने में 76% का उछाल आया है। इस मजबूत रिटर्न ने निवेशकों का ध्यान एक बार फिर ‘व्हाइट मेटल’ की ओर खींचा है।