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एकदम से वक्त बदल गया, जज्बात बदल गए… दौड़े-दौड़े चीन क्यों जा रहे भारतीय कारोबारी?

पीएम मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात के बाद भारतीय और चीनी कंपनियों के बीच तेजी से कारोबारी रिश्ते बन रहे हैं। कई कंपनियां जॉइंट वेंचर की तैयारी में हैं।

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India China Relations

भारतीय और चीनी कंपनियां तेजी से पास आ रही हैं। (PC: Gemini)

भारतीय कारोबारी जगत इस समय बड़े बदलाव से गुजर रहा है। जहां पहले भारतीय कंपनियां चीनी निवेश लेने और चीनी कंपनियों से पार्टनरशिप करने में कतराती थीं, आज वे ही कंपनियां चीन में बड़ी डील करने को आतुर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हाल ही में हुई बैठक के बाद यह बड़ा बदलाव देखने को मिला है। इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टर्स में भारतीय और चीनी कंपनियों ने जॉइंट वेंचर्स और दूसरी पार्टनरशिप पर बातचीत तेज कर दी है।

चीनी इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरर्स भारत में जॉइंट वेंचर्स को लेकर आशावादी हैं। वे चीनी टेक्नोलॉजी निवेशक, जो लंबे समय से भारत में निवेश नहीं कर पा रहे थे, अब दोबारा भारत का दौरा करना चाहते हैं और बातचीत शुरू कर दी है।

Haier की भारतीय सब्सिडियरी के लिए बोली

ईटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, रेफ्रिजरेटर और वॉशिंग मशीन बनाने वाली चीनी कंपनी Haier की अपनी भारतीय सब्सिडियरी में हिस्सेदारी बेचने की बोली ने पिछले दो दिनों में जबरदस्त रफ्तार पकड़ी है। इससे पहले, संभावित खरीदार और उद्योगपति सुनील मित्तल के साथ कई मुद्दों के कारण दो महीने से बातचीत नरम थी। सोमवार और मंगलवार को दोनों पक्षों के नेतृत्व और मर्चेंट बैंकर्स ने कई दौर की बैठकें कीं। रिपोर्ट के अनुसार, Haier अपनी भारतीय इकाई में 49% हिस्सेदारी बेचना चाहती है, जबकि 49% अपने पास रखेगी और बाकी 2% कर्मचारियों को देगी।

डिक्सन टेक्नोलॉजीज करेगी जॉइंट वेंचर

भारत की सबसे बड़ी इलेक्ट्रॉनिक कॉन्ट्रैक्ट मैन्यूफैक्चरर डिक्सन टेक्नोलॉजीज (Dixon Technologies) चीन बेस्ड चोंगकिंग युहाई (Chongqing Yuhai) के साथ एक जॉइंट वेंचर के लिए जल्द ही अपनी प्रेस नोट 3 एप्लीकेशन फाइल करने जा रही है, ताकि लैपटॉप एन्क्लोजर जैसे सटीक पुर्जे बनाए जा सकें। कंपनी को एचकेसी (HKC) और वीवो (Vivo) के साथ दो लंबित जॉइंट वेंचर्स एप्लीकेशन्स की भी जल्द मंजूरी मिलने की उम्मीद है।

हैवी रेयर अर्थ मैग्नेट का आयात

ऑटोमोबाइल सेक्टर को उम्मीद है कि अब हैवी रेयर अर्थ मैग्नेट के आयात पर काम आगे बढ़ेगा, जिससे इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्यूफैक्चरर्स, खासकर बजाज ऑटो जैसी दोपहिया कंपनियों को झटका लगा था। इससे पहले अप्रैल में चीन ने भारी रेयर अर्थ मैग्नेट के आयात पर प्रतिबंध लगा दिये थे।

चीन जाने वाले हैं कई भारतीय उद्योगपति

डिक्सन (Dixon), माइक्रोमैक्स (Micromax) के स्वामित्व वाली भगवती प्रोडक्ट्स (Bhagwati Products) और पीजी इलेक्ट्रोप्लास्ट (PG Electroplast) जैसी बड़ी भारतीय कंपनियों के कई सीईओ और सीनियर मैनेजमेंट अधिकारी और अधिक डील्स को फाइनल करने के लिए जल्द ही चीन जाने वाले हैं।

भारत को लेकर चीनी कंपनियों में बहुत उत्साहजनक माहौल

भारत के अग्रणी इलेक्ट्रॉनिक कॉन्ट्रैक्ट मैन्यूफैक्चरर्स में से एक भगवती प्रोडक्ट्स के डायरेक्टर राजेश अग्रवाल ने कहा, "भारत को लेकर चीनी कंपनियों में इस समय बहुत उत्साहजनक माहौल है। पिछले कुछ महीनों से सकारात्मक संकेत मिल रहे थे, लेकिन दोनों देशों के नेतृत्व के बीच हुई बेहद सौहार्दपूर्ण बैठक से चीजों में तेजी आएगी। अब हम चीनी कंपोनेंट मैन्यूफैक्चरर्स के साथ जॉइंट वेंचर्स को अंतिम रूप देंगे।"

अशोक लेलैंड और हिंदुजा ग्रुप

रिपोर्ट के अनुसार, अशोक लेलैंड (Ashok Leyland) के एमडी शेनु अग्रवाल और मूल कंपनी हिंदुजा ग्रुप के अध्यक्ष शोम हिंदुजा सोमवार को एक समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए चीन में थे। अशोक लेलैंड ने ऑटोमोटिव और गैर-ऑटोमोटिव अनुप्रयोगों के लिए अगली पीढ़ी की बैटरियों को विकसित करने और बनाने के लिए चीनी बैटरी टेक्नोलॉजी कंपनी सीएएलबी ग्रुप (CALB Group) के साथ एक दीर्घकालिक विशेष साझेदारी शुरू की।