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अफगानिस्तान: तालिबान शासन के कारण सूरत व्यापारी परेशान, चार हजार करोड़ रुपये की आय फंसी

इसका असर भारत और अफगानिस्तान के व्यापार पर पड़ सकता है। दोनों देशों के व्यापारिक संबंध सदियों पुराने है।

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Surat Textile Exporters

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नई दिल्ली। अफगानिस्तान (Afghanistan) पर फिर से तालिबान (Taliban) के कब्जे के बाद से पूरी दुनिया में अफरातफरी का माहौल देखने को मिल रहा है। इसका सीधा असर भारत और अफगानिस्तान के व्यापार पर पड़ सकता है। दोनों देशों के व्यापारिक संबंध सदियों पुराने है। इस कारण सूरत के कपड़ा व्यापारी काफी परेशान हैं। अफगानिस्तान में उनकी करीब चार हजार करोड़ रुपये की आय फंसी हुई है।

बांग्लादेश से निर्यात सस्ता पड़ रहा है

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, फेडरेशन ऑफ सूरत टेक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी चंपालाल बोथरा के अनुसार हम पहले कपड़े दुबई के रास्ते अफगानिस्तान भेजते थे। इस दौरान हमने देखा कि बांग्लादेश से निर्यात सस्ता पड़ रहा है तो हम बांग्लादेश के जरिए वहां माल भेजने लगे।

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इस कारण फिलहाल निर्यात रुक गया है। हमारे 4 हजार करोड़ रुपये अटके हुए हैं और पेमेंट का कुछ भी पता नही है। अफगानिस्तान में भारत से कपड़ों के अतिरिक्त पगड़ियों के लिए सिल्क और स्कार्फ, ड्रेस और काफ्तान जैसे रेडीमेड कपड़े भेजे जाते हैं।

मांग पूरी तरह रिकवर नहीं हो सकी

आयातकों और निर्यातकों को फेडरेशन ऑफ इंडिया एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशंस ने इंतजार करने को कहा है। सूरत के कपड़ा कारोबार की हालत महामारी के कारण पहले ही खराब है। कम उत्पादन के कारण मांग पूरी तरह रिकवर नहीं हो सकी है। अफगानिस्तान के सेंट्रल बैंक ने कमर्शियल बैंकों को खाताधारकों को रकम निकालने या देश से अंदर-बाहर इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन को लेकर इजाजत न देने को कहा है।

2020-21 में दोनों देशों के बीच 10,387 करोड़ रुपये का व्यापार हुआ है। भारत, अफगानिस्तान से किशमिश, अखरोट, बादाम, अंजीर, पिस्ता, सूखे खूमानी जैसे मेवों का आयात करता है। इसके साथ यहां से अनार, सेब, चेरी, खरबूजा, तरबूज, हींग, जीरा और केसर का भी आयात होता है।