
यूपीआइ के जरिए जून में 5.47 लाख करोड़ का लेन-देन हुआ
नई दिल्ली। लोग डिजिटल लेन-देन के लिए यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) का काफी इस्तेमाल करते हैं। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) देश में खुदरा भुगतान एवं निपटान प्रणालियों के कामकाज के लिए एक समग्र संगठन है। यह रिजर्व बैंक और इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (IBA) की एक पहल है, जिसका उद्देश्य भारत में एक मजबूत भुगतान एवं निपटान ढांचे का निर्माण करना है।
एनपीसीआइ का यूनीफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) कई बैंक खातों को एक अकेले मोबाइल एप्लीकेशन से जोड़कर वित्तीय लेन-देन में मदद करता है। यूपीआए एक अंतर बैंक फंड ट्रांसफर की सुविधा है, जिसके जरिए स्मार्टफोन पर फोन नंबर और वर्चुअल आइडी की मदद से पेमेंट किया जा सकता है। यह इंटरने बैंक फंड ट्रांसफर के मैकेनिज्म पर आधारित है। एनपीसीआइ इस सिस्टम को कंट्रोल करता है।
लाभ के साथ खतरे भी
डिजिटल लेन-देन लाभदायक होने के साथ-साथ खतरा भी है। तकनीक बढ़ने के साथ ऑनलाइन धोखाधड़ी तेजी से बढ़ी है। हैकर्स नए-नए तरीके उपयोग कर रहे हैं। इनसे बचाव किया जाना जरूरी है। कुछ जरूरी बातों का ध्यान रख कर आप अपने आपको फ्रॉड से बचा सकते हैं।
सिर्फ पैसे भेजने के प्रयोग करें पिन
लेन-देन करते समय ध्यान रखें कि आपसे यूपीआई पिन डालने के लिए सिर्फ तब ही कहा जाएगा, जब आपको पैसे भेजने हों। यदि आपको कहीं से पैसे मिल रहे हैं, तो उसके लिए पिन की जरूरत नहीं है।
ऐसे करें ग्राहक सेवा से संपर्क
अगर आपको लेन-देन में दिक्कत आ रही हैं और ग्राहक सेवा से संपर्क करना है, तो केवल पेमेंट एप्लीकेशन का ही इस्तेमाल करें। इंटरनेट पर दिए गए फोन नंबर पर कॉल न करें।
किसी को न बताएं यूपीआइ पिन
यूपीआइ पिन एटीएम पिन की तरह ही होता है, इसलिए इसे किसी के साथ साझा न करें। ऐसा करने पर जालसाज उसका गलत इस्तेमाल कर आपको ठग सकते हैं।
इन टिप्स को भी आजमाएं
Published on:
24 Aug 2021 08:05 am
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