
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अगस्त 2025 से कुछ देशों से होने वाले आयात पर अधिक टैक्स लगाएंगे। .(फोटो: X Handle Chris Rugaber.)
Trump Tariff Impact on US Industry: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ( Donald Trump) अगस्त 2025 से कुछ देशों से होने वाले आयात पर 15% से 50% तक टैक्स (Trump Tariff Impact on US Industry) लगाएंगे। वाशिंगटन सेंटर फॉर इक्विटेबल ग्रोथ की रिपोर्ट के अनुसार, इससे अमेरिकी फैक्ट्रियों की उत्पादन लागत 2% से 4.5% तक बढ़ सकती है, जिससे पहले से कम लाभ मार्जिन और घट जाएंगे। इस बढ़ी लागत के कारण कंपनियों को कर्मचारियों की भर्ती पर रोक लगानी पड़ सकती है, वेतन वृद्धि धीमी हो सकती है, और कहीं-कहीं बंदी या छंटनी भी हो सकती है। अमेरिकी श्रम विभाग की रिपोर्ट बताती है कि 14,000 से अधिक विनिर्माण नौकरियाँ बर्खास्त की जा चुकी हैं। रिपोर्ट बताती है कि ट्रंप प्रशासन (Trump Administration) की ओर से 1 अगस्त से लगाए जा रहे नए आयात शुल्कों (Tariffs) के चलते ये शुल्क टैक्सटाइल, स्टील, एल्युमिनियम से लेकर AI में इस्तेमाल होने वाले इलेक्ट्रॉनिक इनपुट (Electronic input) तक पर लागू होंगे।
चूंकि अधिकतर AI डेटा केंद्र और आवश्यक हार्डवेयर आयात पर निर्भर हैं, नए टैक्स्स इस क्षेत्र को महंगा बना देंगे। इससे AI को अपनाने की गति धीमी हो रही है, जैसे डेटा सेंटर सामग्री और कंप्यूटिंग उपकरणों की लागत में इजाफा हो रहा है।
बड़ी कंपनियों जैसे GM और Stellantis ने पहले ही बताया है कि हाल ही में टैक्स के कारण उन्हें $1–5 बिलियन डॉलर तक का नुकसान हुआ है। इससे अमेरिकी उद्योग अपनी प्रतिस्पर्धात्मक ताकत खो रहे हैं।
IMF ने चेतावनी दी है कि ये टैरिफ वैश्विक आर्थिक विकास को धीमा कर सकते हैं और मुद्रास्फीति बढ़ा सकते हैं। उद्योगों का इनपुट लागत बढ़ने से उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतें भी बढ़ने की आशंका है।
अर्थशास्त्री बताते हैं कि ज़्यादा टैक्स से रोजगार बढ़ने की बजाय कंपनियाँ AI और ऑटोमेशन की ओर रुख कर रही हैं। छोटे उद्योग, जैसे चाकू निर्माण वाली फर्में, इस दबाव से सबसे ज़्यादा प्रभावित हो रही हैं।
अर्थशास्त्री और उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप के टैरिफ नीतियों से अमेरिका में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है।
श्रमिक यूनियनों ने चेतावनी दी है कि अगर उत्पादन लागत इसी तरह बढ़ती रही तो इससे वेतन वृद्धि रुक सकती है और नौकरियाँ कम हो सकती हैं।
टेक उद्योग के नेताओं ने भी चिंता जताई है कि AI जैसी भविष्य की तकनीकों में अमेरिका की गति धीमी हो सकती है, जिससे चीन और यूरोपीय देश बाज़ी मार सकते हैं।
वोटर पर असर: मिशिगन, विस्कॉन्सिन जैसे राज्यों में यह मुद्दा चुनाव में बड़ा भूमिका निभा सकता है क्योंकि वहाँ की बड़ी आबादी मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर से जुड़ी है।
छोटे व्यवसायों पर बोझ: जो व्यवसाय पहले से ही सीमित लाभ में चल रहे हैं, वे इस बढ़ी लागत को सहन नहीं कर पाएँगे और नौकरियाँ काटनी पड़ सकती हैं।
AI में निवेश में गिरावट से अमेरिका की टेक्नोलॉजी इंडिपेंडेंस पर असर पड़ेगा, जो राष्ट्रीय सुरक्षा से भी जुड़ा मसला बन सकता है।
आने वाले हफ्तों में व्हाइट हाउस या रिपब्लिकन उम्मीदवारों से पूछा जा सकता है कि क्या छोटे कारोबारों को कोई राहत योजना दी जाएगी ?
क्या AI सेक्टर के लिए विशेष टैक्स छूट या सब्सिडी की योजना है, ताकि अमेरिका तकनीकी प्रतिस्पर्धा में पीछे न रह जाए ?
क्या चुनाव से पहले ट्रंप इस नीति में बदलाव कर सकते हैं, या ये महज चुनावी रणनीति है?
Updated on:
29 Jul 2025 08:02 pm
Published on:
29 Jul 2025 08:01 pm
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