
Donald Trump Tariffs: भारत से अमेरिका में आयात पर 26 प्रतिशत टैरिफ रेट की घोषणा के बाद गुरुवार को भारतीय शेयर बाजारों में गिरावट आई। सेंसेक्स 700 से ज्यादा अंक की गिरावट लेकर खुला, पर फार्मा स्टॉक्स में उछाल के चलते इंडेक्स में रिकवरी देखने को मिली। अंत में सेंसेक्स 322 अंक यानी 0.42 प्रतिशत की गिरावट लेकर 76,295 पर बंद हुआ। निफ्टी भी 82 अंक यानी 0.35 प्रतिशत गिरकर 23,250 पर रहा। टैरिफ की वजह से अमेरिकी बाजार पर बड़े पैमाने पर निर्भर घरेलू आईटी कंपनियों के शेयरों में गिरावट आई। टीसीएस सबसे ज्यादा 4 प्रतिशत गिरकर बंद हुआ। एचसीएल टेक, इन्फोसिस, टेक महिंद्रा के शेयर भी 4 प्रतिशत तक टूट गए। रेसिप्रोकल टैरिफ से फार्मास्युटिकल उत्पादों को बाहर रखा गया है, जिससे फार्मा स्टॉक्स चढ़े।
हालांकि ट्रंप टारिफ से ट्रेड वॉर शुरू होने की आशंका, अमेरिका में महंगाई बढऩे का डर और आर्थिक मंदी आने की आशंका से अमरीकी शेयर बाजार धराशायी हो गए। अमेरिकी शेयर बाजार में 5 प्रतिशत तक गिरावट आई, जिससे अमरीकी शेयर बाजार निवेशकों के 2 ट्रिलियन डॉलर से भी अधिक डूब गए।
अमेरिकी शेयर बाजार में सबसे अधिक नुकसान उन कंपनियों को हुआ जिनकी आपूर्ति श्रृंखलाएं विदेशी विनिर्माण पर सबसे अधिक निर्भर है। एपल के शेयर करीब 9 प्रतिशत गिर गए, क्योंकि कंपनी का ज्यादातर उत्पादन चीन, भारत और ताइवान में होता है। इसी तरह वियतनाम में प्रोडक्शन यूनिट होने के कारण लुलूलेमन और नाइकी के शेयर भी 12 प्रतिशत टूट गए।
ट्रंप टैरिफ से चीन सहित दुनिया के कई देशों को झटका लग सकता है, पर भारत के कपड़ा उद्योग और फार्मा सेक्टर के लिए यह बड़ा अवसर बन सकता है। नए टैरिफ के कारण वियतनाम, बांग्लादेश और चीन जैसे देशों को अमरीकी बाजार में अपने कपड़े बेचने के लिए अब ज्यादा शुल्क चुकाना होगा। इससे भारत की कपड़ा कंपनियों को अमरीकी बाजार में अपनी पकड़ मजबूत करने का बढिय़ा मौका मिलेगा।
भारत की तुलना में वियतनाम, बांग्लादेश, चीन जैसे प्रतिस्पर्धी देशों पर अधिक टैरिफ लगा है। वियतनाम के कपड़ों पर 46 प्रतिशत, बांग्लादेश के कपड़ों पर 37 प्रतिशत और चीन के कपड़ों पर 54 प्रतिशत टैक्स लगाया गया है। इसका मतलब है कि इन देशों के उत्पाद अब अमेरिकी बाजार में महंगे हो जाएंगे।
Published on:
04 Apr 2025 08:55 am
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