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Silver Price Forecast: क्या खत्म होने वाले हैं चांदी के ‘अच्छे दिन’, फिर आएगी पहले वाली गिरावट?

Will silver prices crash: चांदी की तेजी से चढ़ती कीमतों को लेकर कुछ एक्स्पर्ट्स आशंकित हैं। उन्हें लगता है कि सिल्वर जितनी तेजी से चढ़ रही है, उतनी ही तेजी से नीचे भी आ सकती है।

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Gold Silver Price Today

सोने और चांदी ने अब तक शानदार रिटर्न दिया है। (PC: AI)

Gold Silver Price Today: सोने और चांदी ने अब तक शानदार रिटर्न दिया है। खासकर चांदी की तेजी से सभी हैरान हैं। चांदी नया 'सोना' बनती दिखाई दे रही है। ऐसे में कुछ शंकाएं भी हैं। अधिकांश एनालिस्ट जहां मानते हैं कि चांदी आगे भी अच्छा प्रदर्शन करेगी। वहीं, कुछ को लगता है कि कीमतों का इतनी तेजी से चढ़ना अच्छे संकेत नहीं हैं और चांदी अपना इतिहास दोहरा सकती है।

अभी क्या चल रहे दाम?

चांदी के दाम ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंच चुके हैं। पहली बार सिल्वर ने दो लाख रुपए प्रति किलो के आंकड़े को छूआ है। हालांकि, बाद में उसमें कुछ गिरावट भी आई। गुड रिटर्न्स के अनुसार, 1 किलो चांदी के दाम 1,97,900 रुपए हैं। जबकि 24 कैरेट वाला 10 ग्राम सोना 1,33,900 रुपए पर पहुंच गया है। नवंबर की शुरुआत में चांदी डेढ़ लाख के आसपास चल रही थी और अब दो लाख के ऐतिहासिक आंकड़े को छू रही है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि दाम कितनी तेजी से बढ़े हैं।

क्या इतिहास दोहराएगी चांदी?

चांदी में आ रहे इस अप्रत्याशित निखार से कुछ एक्स्पर्ट्स आशंकित हैं। उन्हें लगता है कि सिल्वर 1980 और 2011 वाला इतिहास दोहरा सकती है। जब वह तेजी से ऊपर चढ़ी और उतनी ही तेजी से नीचे आ गई। एफएक्सस्ट्रीट की रिपोर्ट के अनुसार, कुछ ट्रेडर्स को लगता है कि चांदी में बड़ी बिकवाली देखने को मिल सकती है और इसके दाम बुरी तरह टूट सकते हैं। 1980 और 2011 में चांदी के दाम रिकॉर्ड तेजी से बढ़े थे। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में चांदी प्रति औंस 48 डॉलर के पार पहुंच गई थी, लेकिन जोर के झटके के साथ नीचे आ गई। ग्लोबल वेल्थ मैनेजमेंट ग्रुप जूलियस बेयर के हेड नेक्स्ट जेनरेशन रिसर्च कार्स्टन मेन्के ने हाल में कहा था कि चांदी के इतने शानदार प्रदर्शन को जस्टिफाई करना मुश्किल है। हमारा मानना ​​है कि फंडामेंटल्स के बजाए चांदी का यह रुख सट्टेबाजी और ट्रेंड फॉलोअर्स के मोमेंटम को दर्शाता है और यह बात हमारे टेक्निकल असेसमेंट में भी दिखती है।

क्या हुआ था 1980 में?

रिपोर्ट में बताया गया है कि 1980 में सिल्वर के दाम प्रति औंस 10 डॉलर से चढ़कर 48 डॉलर पहुंच गए थे। हर कोई बढ़-चढ़कर सिल्वर में निवेश कर रहा था, लेकिन रिकॉर्ड हाई के महज दो महीने बाद ही दाम वापस 10 डॉलर पर आ गए। इसी तरह, 2011 की शुरुआत में चांदी मजबूती के साथ 48 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गई थी, लेकिन जल्द ही कीमतें फिसलकर 26 डॉलर पर आ गईं। इस बार भी चांदी की कीमतें बड़ी छलांग लगा रही हैं। इसलिए कुछ एक्स्पर्ट्स को लगता है कि इतिहास दोहरा सकता है। हालांकि, स्प्रॉट मनी के एनालिस्ट क्रेग हेमके को ऐसा नहीं लगता।

पहले और अब के हालात अलग

स्प्रॉट मनी के एनालिस्ट क्रेग हेमके का कहना है कि तब और अब के हालत बिल्कुल अलग हैं। उन्हें नहीं लगता कि चांदी 1980 या 2011 का इतिहास दोहराएगी। क्रेग हेमके ने कहा कि चांदी, सोने के पुराने पैटर्न को अपनाती ज्यादा दिखाई दे रही है। इसलिए उन्हें लगता कि सिल्वर की कीमतों के क्रैश होने की फिलहाल कोई आशंका है। उन्होंने कहा कि सिल्वर की कीमतों का पैटर्न 2023 और 2024 में गोल्ड के ब्रेकआउट जैसा है न कि 1980 और 2011 में चांदी के बुल मार्केट जैसा।

आगे भी तेजी से चढ़ सकती हैं कीमतें

दिसंबर 2023 में सोना 2000 डॉलर प्रति औंस के मजबूत रेजिस्टेंस को तोड़कर 2100 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया था। करीब 17 दिन बाद कीमतों में बड़ा उलटफेर हुआ और दाम गिर गए। अगले कई महीनों में, सोना 2000 डॉलर प्रति औंस की रेंज में रहा, फिर मार्च 2024 में ब्रेकआउट हुआ और कीमतें फिर से ऊपर चढ़ गईं। एनालिस्ट क्रेग हेमके ने कहा कि मार्च 2024 के ब्रेकआउट के बाद से सोने की कीमतें दोगुनी हो गई हैं। चांदी भी सोने की राह पर है और 2027 के मध्य तक इसके दाम 100 डॉलर प्रति औंस पहुंच सकते हैं, जो फिलहाल 62 डॉलर के आसपास हैं।

इस वजह से आ रहा उछाल

चांदी की कीमतों में उछाल की कई वजह हैं। गोल्ड का मुख्य इस्तेमाल जहां निवेश है। वहीं चांदी उद्योगों में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल की जाती है। इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) से लेकर सोलर पैनल तक में चांदी का इस्तेमाल होता है। आने वाले समय में EV और सोलर की मांग और तेजी से बढ़ने की उम्मीद है। ऐसे में चांदी की कीमतों में तेजी के भी आसार बने रह सकते हैं। इसके अलावा, अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दरों में कटौती के फैसले से भी सोने और चांदी की कीमतों में तेजी देखने को मिल रही है।