26 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

World Food India 2025: भारत मंडपम में करोड़ों रुपये के एमओयू हुए, खाद्य क्षेत्र में निवेश के नये रास्ते खुले

Food Processing Investment India 2025: वर्ल्ड फूड इंडिया 2025 के पहले दो दिनों में 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक के एमओयू हुए हैं।

3 min read
Google source verification

भारत

image

MI Zahir

Sep 27, 2025

Food Processing Investment India 2025

नई दिल्ली में सजे वर्ल्ड फूड इंडिया 2025 फेस्टिवल में सजे पांडाल के विहंगम नजारे। (फोटो: एक्स/एएनआई.)

Food Processing Investment India 2025: भारत मंडपम में चल रहे वर्ल्ड फूड इंडिया 2025 (World Food India 2025)में पहले दो दिन ही भारी सफलता मिली है। इस दौरान खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में कुल 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के समझौते (MOU) हुए हैं। इस आयोजन ने भारत को वैश्विक खाद्य उद्योग (Food Processing India) का बड़ा केंद्र बनाने में मदद की है और निवेश के नए रास्ते खोले हैं। दूसरे दिन 21 कंपनियों ने 25,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के समझौते किए। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (MoFPI) के अनुसार, दूसरे दिन 21 बड़ी कंपनियों ने 25,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के निवेश के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इस प्रकार पहले दिन की सफलता को आगे बढ़ाते हुए कुल निवेश की प्रतिबद्धताएं 1 लाख करोड़ रुपये से ऊपर पहुंच गईं, जो भारत के खाद्य क्षेत्र के लिए बड़ी उपलब्धि है।

उद्योग के लिए ज्ञानवर्धक सत्रों का आयोजन

पहले दो दिनों में 25 से अधिक ज्ञान आधारित सत्र आयोजित किए गए, जिनमें खाद्य प्रसंस्करण और संबंधित क्षेत्रों के विशेषज्ञ, नीति निर्माता, उद्योग के दिग्गज, स्टार्टअप्स और वैश्विक नियामक शामिल हुए। इन सत्रों में स्थिरता, नई तकनीक, अंतरराष्ट्रीय सहयोग और निवेश के अवसरों पर खास ध्यान दिया गया।

सहयोगी राज्यों और देशों की भागीदारी

उत्तर प्रदेश, गुजरात, पंजाब, झारखंड और बिहार जैसे राज्यों ने इस आयोजन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इसके साथ ही न्यूज़ीलैंड, वियतनाम, जापान और रूस जैसे देशों ने भी विशेष सत्र कर आयोजन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और प्रभावशाली बनाया। केंद्रीय मंत्रालयों और विश्व बैंक ने भी विषयगत सत्रों का आयोजन किया।

पांच महत्वपूर्ण विषयों पर केंद्रित सत्र

इस साल वर्ल्ड फूड इंडिया में कुल 13 सत्र हुए, जो पांच मुख्य विषयों—पालतू पशुओं के भोजन, न्यूट्रास्युटिकल्स, विशेष खाद्य पदार्थ, मादक पेय, और पौधे आधारित खाद्य पदार्थों—पर आधारित थे। इससे उद्योग में विविधता और नवाचार को बढ़ावा मिला है।

द्विपक्षीय सहयोग को मिला बल

निवेश के साथ-साथ सरकार-से-सरकार सहयोग को मजबूत करने के लिए रूस और पुर्तगाल के प्रतिनिधिमंडलों के साथ महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठकें भी आयोजित की गईं। ये बैठकें कृषि और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होंगी।

विशेषज्ञों ने तारीफ की, बताया वैश्विक स्तर पर प्रभावशाली आयोजन

हाईवाईपे की सह-संस्थापक गीता चौहान ने इस कार्यक्रम को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बताते हुए कहा कि इसमें प्रमुख वैश्विक ब्रांडों, भारतीय राज्यों और कई देशों का सशक्त प्रतिनिधित्व है। यह भारत को वैश्विक खाद्य मानचित्र पर मजबूती से स्थापित करने की एक बड़ी पहल है।

पेप्सिको का किसानों के साथ दीर्घकालिक संबंधों पर जोर

पेप्सिको इंडिया की सस्टेनेबिलिटी प्रमुख यशिका सिंह ने बताया कि यह उनकी कंपनी का लगातार तीसरा साल है जब वे इस आयोजन में भाग ले रही हैं। उनका फोकस किसानों के साथ मजबूत और लंबे समय तक चलने वाले संबंध बनाने पर है।

दो बड़े अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम भी साथ चल रहे हैं

शिखर सम्मेलन के साथ तीसरा वैश्विक खाद्य नियामक सम्मेलन और 24वां भारत अंतरराष्ट्रीय सीफूड शो भी आयोजित हो रहे हैं। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य वैश्विक खाद्य सुरक्षा और भारत की समुद्री खाद्य निर्यात क्षमता को और बढ़ावा देना है।

भारत बन रहा है खाद्य उद्योग का निवेश हब (Food Industry Investment)

खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय ने कहा कि यह आयोजन भारत को निवेश के लिए एक आकर्षक और तैयार गंतव्य के रूप में स्थापित कर रहा है। वैश्विक हितधारकों से आग्रह किया गया है कि वे तकनीकी सहयोग, नवाचार और ज्ञान साझा करने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करें ताकि भारत की खाद्य सुरक्षा से पोषण सुरक्षा तक की यात्रा को सफल बनाया जा सके।

भारत की स्थिति मजबूत हो रही

बहरहाल वर्ल्ड फूड इंडिया 2025 ने पहले दो दिनों में ही निवेश के नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। यह आयोजन न केवल भारत के खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को नई दिशा दे रहा है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी भारत की स्थिति मजबूत कर रहा है। आने वाले दिनों में इस आयोजन से और अधिक निवेश और सहयोग की उम्मीद है। (एएनआई)