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आयकर रिटर्न में हुआ सबसे बड़ा बदलाव, डिजिटल सिग्नेचर हुआ अनिवार्य

इस बार व्यक्तिगत, हिंदू अविभाजित परिवार और फर्म के लिए डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट (डीएससी) के इस्तेमाल को कंपलसरी कर दिया गया है।

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Saurabh Sharma

Jul 06, 2018

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आयकर रिटर्न में हुआ सबसे बड़ा बदलाव, डिजीटल सिग्नेचर हुआ अनिवार्य

नई दिल्ली। आयकर रिटर्न फाइल करने के नियमों में सबसे बड़ा बदलाव हुआ है। इस बार व्यक्तिगत, हिंदू अविभाजित परिवार और फर्म के लिए डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट (डीएससी) के इस्तेमाल को कंपलसरी कर दिया गया है। डिजिटल सिग्नेचर को सर्टिफिकेट कंट्रोलर ऑफ सर्टिफाइंग अथॉरिटीज द्वारा जारी किया जाता है। डिजिटल सर्टिफिकेट 'यूएसबी टोकन' के रूप में आता है और आमतौर पर एक या दो साल के लिए वैध होता है। वैधता समाप्त होने पर इसे रिन्यू कराया जा सकता है। इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए डिजिटल सिग्नेटर का इस्तेमाल करना आसान है।

फिर इसकी जरुरत नहीं होगी
यदि रिटर्न डिजिटल रूप से साइन किया गया है तो फिर रिटर्न को आधार ओटीपी से वैरीफाई करने की जरूरत नहीं है। साथ ही सीपीसी बेंगलुरू को आईटीआर की हस्ताक्षरित हार्ड कॉपी भेजने की जरूरत भी नहीं है। डिजिटल सिग्नेचर को इनकम टैक्स ई-फाइलिंग वेबसाइट पर पंजीकृत करना अनिवार्य है।

तीन वर्गों में उपलब्ध है डिजिटल सिग्नेचर
डिजिटल सिग्नेचर तीन वर्गों में उपलब्ध है क्लास 1, क्लास 2 और क्लास 3। क्लास 1 में व्यक्तिगत या निजी उपयोग के लिए जारी किया जाता है। इसका इस्तेमाल कम मूल्य के लेनदेन में होता है। इसमें पहचान के सबूत की जरूरत नहीं होती। क्लास 2 में इसका इस्तेमाल विभिन्न सरकारी संस्थानों में दस्तावेज फाइल करने के लिए किया जाता है। जैसे आयकर विभाग, कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय आदि। आयकर रिटर्न के लिए इस सिग्नेचर का ही इस्तेमाल किया जाता है। क्लास 3 में इसका इस्तेमाल रेलवे, बैंक, सड़क परिवाहन प्राधिकरण, बिजली बोर्ड जैसे सरकारी विभागों ई-नीलामी या ई-टेंडरिंग के लिए किया जाता है।

एेसे रजिस्टर करें ई-फाइलिंग वेबसाइट पर डिजिटल सिग्नेचर
- डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट को आयकर विभाग की वेबसाइट पर रजिस्टर करना होता है।
- इसके लिए कर्इ तरह के स्टेप दिए गए हैं।
- www.incometaxindiaefiling.gov.in पर जाइए और रजिस्टर्ड पैन तथा पासवर्ड से लॉगइन कीजिए।
- लॉग-इन करने के बाद मेन मीनू से प्रोफाइल सेटिंग्स में जाइए और फिर रजिस्टर डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट पर क्लिक कीजिए।
- लैंडिंग पेज पर दिए गए लिंक से डीएससी मैनेजमेंट यूटीलिटी को डाउनलोड कीजिए। जिप फोल्डर से अलग करके डीएससी मैनेजमेंट यूटीलिटी को ओपेन कीजिए।
- डीएससी मैनेजमेंट यूटीलिटी में डिजिटल सिग्नेटर का इस्तेमाल करते हुए दूसरे टैब 'रजिस्टर/रिसेट पासवर्ड' में जाइए।
- कम्प्यूटर/लैपटॉप के यूएसबी पोर्ट में डीएससी यूएसबी टोकन लगाइए।
- ई-फाइलिंग में पंजीकृत यूजर आईडी और पैन नंबर इंटर कीजिए।
- डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट के प्रकार को चुनिए और सिग्नेचर फाइल जनरेट कीजिए।
- ई-फाइलिंग पोर्टल में दोबारा जाइए और रजिस्टर डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट के पेज पर स्टेप 7 में जनरेट की गई सिग्नेचर फाइल अटैच कीजिए। अब इसे सब्मिट कर दीजिए।
- डीएससी का रजिस्ट्रेशन होने पर एक कन्फर्मेशन ईमेल आपके पंजीकृत ईमेल आईडी पर भेजी जाएगी।
- डिजिटल सिग्नेचर के साथ आयकर रिटर्न के वैरीफिकेशन के प्रक्रिया का यह पहला हिस्सा था। एक बार पंजीकरण हो जाने के बाद अगला कदम आईटीआर को वैरीफाई करना है।
- ई-फाइलिंग पोर्टल से नवीनतम डीएससी मैनेजमेंट यूटीलिटी को डाउनलोड कीजिए। जिप फोल्डर से अलग कर यूटीलिटी को ओपन कीजिए।
- तीसरे टैब अपलोड एक्सएमएल को सेलेक्ट कीजिए और एक्सेल या जावा रिटर्न फाइलिंग यूटीलिटी से जनरेट की गई एक्सएमएल फाइल को ब्राउज कीजिए। यदि रिटर्न ऑनलाइन ई-फाइलिंग एकाउंट से तैयार किया जा रहा है, तो चौथे टैब 'सब्मिट आईटीआर/फाॅर्म ऑनलाइन' का उपयोग कीजिए।
- डीएससी (यूएसबी टोकन) के प्रकार को चुनिए और सिग्नेचर फाइल को जनरेट कीजिए।
- ई-फाइलिंग वेबसाइट पर दोबारा जाइए। आईटीआर एक्सएमएल फाइल को अपलोट करते समय डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट के रेडियो बटन को चुनिए।
- ई-फाइलिंग के समय एक्सएमएल फाइल के साथ सिग्नेचर को अपलोड कीजिए।