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भारत की पहली हाईड्रोजन फ्यूल सेल बस, नहीं होगी पेट्रोल-डीजल की जरूरत…पॉल्यूशन की भी नहीं होगी टेंशन

बसों का ट्रेडिशनल कंबशन इंजन कैमिकल एनर्जी को पावर में बदलने में 20 प्रतिशत से भी कम एफिशिएंट होता है जबकि स्टारबस फ्यूल सेल की कैपासिटी काफी ज्यादा है।

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पेट्रोल-डीजल नहीं, पानी से चलेगी भारत की पहली हाईड्रोजन फ्यूल सेल बस...पॉल्यूशन की भी नहीं होगी टेंशन

नई दिल्ली: वाहन चलाने में सबसे बड़ी समस्या आजकल पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतें और प्रदूषण होता है लेकिन टाटा मोटर्स अब ऐसी बसें लानें वाली हैं जिनमें आपको पेट्रोल-डीजल भरवाने की टेंशन नहीं लेनी पड़ेगी और ना ही ये बस पर्यावरण को किसी भी तरह से नुकसान पहुंचाएगी। दरअसल ये एक हाईड्रोजन फ्यूल सेल बस है। टाटा मोटर्स ने हाल ही में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के साथ कोलॉबोरेशन कर भारत की पहली हाइड्रोजन बस का निर्माण किया है जिसकी टेस्टिंग शुरू हो चुकी है।चलिए आपको बताते हैं इस बस के कुछ फायदे-

3 गुना होगी फ्यूल एफिसिएंशी- स्टैंडर्ड बसों का ट्रेडिशनल कंबशन इंजन कैमिकल एनर्जी को पावर में बदलने में 20 प्रतिशत से भी कम एफिशिएंट होता है जबकि स्टारबस फ्यूल सेल की एफिशिएंसी 40-60 प्रतिशत तक है जो स्टैंडर्ड से 3 गुना ज्यादा है। इसकी फ्यूल सेल टेक्नोलॉजी फ्यूल कंसम्पशन को 50 प्रतिशत कम कर देती है।

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प्रदूषण की छुट्टी-

टाटा मोटर्स द्वारा बनाई गई हाइड्रोजन फ्यूल से चलने वाली यह बस भारत में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के रूप में बहुत ही सहायक साबित होगी क्योंकि इसमें ईंधन के रूप में सिर्फ पानी और हीट का ही उपयोग होता है। यह भारत में बढ़ते वायु और ध्वनि प्रदूषण स्तर का कम करने में काफी सहायक होगी।

बेहद पॉवरफुल है इंजन-

टाटा स्टारबस फ्यूल सेल हाइड्रोजन फ्यूल पावर सिस्टम से लैस बस है जो 114 हॉर्स पावर साथ ही इलेक्ट्रिक मोटर भी है जो 250 हॉर्स पावर की ताकत प्रोड्यूस करने में सक्षम है। यह 800 rpm पर कुल 1050 Nm का टॉर्क प्रोड्यूस करने में सक्षम है।

इंटरसिटी ट्रांसपोर्टेशन के लिए बेस्ट है ये बस-

30 पैसेंजर्स ककी कैपासिटी वाली ये बस हाइड्रोजन पावर से लैस होने के कारण जीरो एमिशन व्हीकल है । इसकी यही खूबी इसको इंटरसिटी ट्रांसपोर्टेशन के लिए बेस्ट बनाती है, जिसे ISRO से पार्टनरशिप से बनाया गया है।