
नई दिल्ली: इलेक्ट्रिक कारें ऑटोमोबाइल की दुनिया में बड़े बदलाव कर रही हैं। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि साल 2025 तक इलेक्ट्रिक कारें आईसीई ( इंटरनल कंबश्चन इंजन ) इंजन वाले वाहनों को आउटडेटेड कर देंगे। इस खबर में हम आपको टेस्ला मॉडल एस की तकनीकी खूबियों के बारे में बताने जा रहे हैं जो हाल ही में दुनिया की सबसे तेज एक्सेलरेटिंग कार बन गई है।
हम आपको कई चरणों में बताएंगे कि कैसे इलेक्ट्रिक कारों ( electric cars ) ने इंडक्शन मोटर, इन्वर्टर और लीथियम आयन बैटरी की मदद से बेहतरीन प्रदर्शन हासिल किया है। टेस्ला ( Tesla ) कार का पावर हाउस इंडक्शन मोटर होता है जो तकरीबन 100 साल पहले महान वैज्ञानिक निकोला टेस्ला ने बनाया था और ये दुनिया का एक बड़ा आविष्कार है।
मोटर
इंटरनल कंबश्चन इंजन वाली कारों की तुलना में ये इलेक्ट्रिक कारें कहीं ज्यादा बेहतर होती हैं। दरअसल इंटरनल कंबश्चन इंजन एक तय सीमा तक ही जरूरी टॉर्क और पावर जेनरेट करता है। इसलिए पहियों में एक अलग-अलग स्पीड के ट्रांसमिशन लगाना जरूरी हो जाता है। जबकि इलेक्ट्रिक मोटर के साथ ऐसा बिल्कुल भी नहीं है और इसमें अलग-अलग स्पीड के लिए ट्रांसमिशन लगाना जरूरी नहीं होता है। एक इंडक्शन मोटर किसी भी गति सीमा में बेहतरीन तरीके से काम करती है।
सीधे शब्दों में अगर हम आपको ये बात समझाएं तो डीजल पेट्रोल इंजन में गियर बॉक्स लगाया जाता है जिसमें अलग अलग स्पीड के लिए अलग गियर होते हैं वहीं इलेक्ट्रिक कारों में अलग-अलग स्पीड वाले गियरबॉक्स लगाने की जरूरत नहीं पड़ती है।
इन्वर्टर
अब बात करते हैं इस इलेक्ट्रिक कार के दिमाग यानी इन्वर्टर का। आपको बता दें कि टेस्ला कार को पावर एक डीसी बैटरी पैक से मिलती है ऐसे में इस पावर को मोटर से पहुंचाने से पहले इसे AC पावर में बदलना होता है और ये काम करता है इन्वर्टर। एक इन्वर्टर इलेक्ट्रिक मोटर की स्पीड को भी कंट्रोल करता है।
बैटरी पैक
आपको ये जानकार हैरानी होगी कि टेस्ला का बैटरी पैक एक कॉमन लीथियम आयन बैटरी का कलेक्शन है जिसे हम आम तौर पर अपने घरेलू जीवन में इस्तेमाल करते हैं। ये वही बैटरी है जो आप घर की घड़ियों में लगाते हैं। ये आम सेल हैं जो कार को चलाने के लिए के लिए जरूरी पावर जेनरेट करते हैं। इन सेलों के बीच से ट्यूबों से ग्लाइकॉल कूलेंट गुजारा जाता है जिससे बैटरीपैक को ठंडा रखा जाता है।
आपको ये जानकर हैरानी होगी कि ये बैटरी पैक टेस्ला की फर्श के नीचे लगा होता है। इस बैटरीपैक को लिक्विड कूलिंग टेक्नोलॉजी से लैस किया गया है जो बैटरी की लाइफ को बढ़ाता है।
रीजेनरेटिव ब्रेकिंग
आपको ये बात जानकार हैरानी होगी कि जैसे ही आप कार का एक्सेलरेटर पैडल छोड़ते हैं वैसे ही इंडक्शन मोटर, जेनरेटर के रूप में काम करने लगते हैं और इससे पैदा हुई बिजली को बैटरी पैक को भेज दिया जाता है। आपको बता दें कि जब आप एक्सेलरेटर छोड़ते हैं तो मोटर में इलेक्ट्रिक फील्ड बन जाता है जिससे कार काफी आसानी से रुक जाती है।
मेंटेनेंस
एक इलेक्ट्रिक कार का मेंटेनेंस बेहद ही आसान होता है ऐसे में ये कारें, पेट्रोल डीजल कारों से काफी बेहतर होती हैं और ये पर्यावरण को भी नुकसान नहीं पहुंचाती हैं।
Updated on:
31 Jul 2019 10:05 am
Published on:
31 Jul 2019 10:01 am
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