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सपाई सास ससुर की सीट पर भाजपाई बेटे बहू ने किया कब्जा, सपा के कब्जे में रहने वाली कुर्सी गई बीजेपी के खाते

चंदौली ब्लॉक प्रमुख की कुर्सी फाइनल हो गई...

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BJP Candidate Kalindi singh became sadar block pramukh sp lost

सपाई सास ससुर की सीट पर भाजपाई बेटे बहू ने किया कब्जा, सपा के कब्जे में रहने वाली कुर्सी गई बीजेपी के खाते

चंदौली. ब्लॉक प्रमुख उपचुनाव में गुरुवार को नाम वापसी के दिन चंदौली ब्लॉक प्रमुख की कुर्सी फाइनल हो गई। अंततः सपा के विचारधारा वाले पूर्व प्रमुख वीरेंद्र सिंह के घर में ही प्रमुख की कुर्सी रह गई और उनकी दूसरी पीढ़ी यानी उनकी पुत्रवधु कालिंदी सिंह निर्विरोध सदर ब्लॉक प्रमुख निर्वाचित हो गईं। अब तक सपा के कब्जे में रहने वाली सदर प्रमुख की कुर्सी बीजेपी के खाते में चली गई। पुराने सपाई और पूर्व प्रमुख वीरेंद्र सिंह के पुत्र व बीजेपी से जिला पंचायत सदस्य संजय सिंह की पत्नी है कालिंदी सिंह।


सदर ब्लॉक में बुधवार को प्रमुख पद के लिए कालिंदी सिंह और हरिचरन सिंह ने पर्चा खरीदा था। सदर ब्लॉक में ऐन वक्त पर राजनीति पलट गई। हरिचरन ने अपना पर्चा वापस ले लिया। जिससे कालिंदी का निर्विरोध निर्वाचन हो गया। हालांकि इसकी औपचारिक घोषणा नौ मार्च को होगी। पर्चा वापस होते ही कालिंदी सिंह के पक्ष के लोगों ने हरिचरन व प्रत्याशी पक्ष के लोगों को फूल मालाओं से लाद दिया। मिष्ठान का वितरण किया। इससे पहले सदर प्रमुख की कुर्सी के लिए हर दाव पेंच अपनाया गया। यही नहीं कालिंदी सिंह के पति बीजेपी से जिला पंचायत सदस्य संजय सिंह ने जिले के सांसद व बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ महेंद्र नाथ पांडेय से गुहार लगाई और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के पहल पर अंततः हरिचरण सिंह पीछे हट गए और कालिंदी सिंह निर्विरोध सदर ब्लॉक प्रमुख चुन ली गई।

सास की विरासत संभालेगी बहू

सदर ब्लॉक प्रमुख भगवानी दासी का आकस्मिक निधन हो गया था। वे बजहां गांव की क्षेत्र पंचायत सदस्य थीं। निधन के बाद खाली सीट पर हुए उपचुनाव में भगवानी दासी की बहू कालिंदी सिंह ने चुनाव लड़कर विजय श्री हासिल कीं। प्रमुखी के लिए लीलापुर से क्षेत्र पंचायत सदस्य हरिचरण सिंह ने दावेदारी पेश की लेकिन पूर्व प्रमुख के राजनीतिक चाल के आगे हरिचरण सिंह नतमस्तक हुए और अपना नाम वापस ले लिए। फलस्वरूप कालिंदी सिंह प्रमुख बन गयीं और अब अपने सास की विरासत सम्हालेंगी।

by संतोय़ जायसवाल