
शहीद अवधेश यादव का परिवार
चंदौली. 14 फरवरी 2019 को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में CRPF के 42 बहादुर जवान शहीद हो गए थे, इन शहीदों में जिले के बहादुरपुर गांव निवासी अवधेश यादव भी शामिल थे । शहीद अवधेश यादव सीआरपीएफ के 45 बटालियन में तैनात थे। आज इस घटना को एक साल हो पूरे हो गये। अवधेश यादव अपने परिवार की आजीविका के एकमात्र सहारा थे, शहीद के परिवार का आरोप है कि सरकार ने अपने किए वादे पूरे नहीं किए महज शहीद की पत्नी को नौकरी देकर इतिश्री कर ली | शहीद के परिजन ने जिले में 16 फरवरी को आ रहे पीएम मोदी से मिलने की मांग की है | शहीद के परिजनों का कहना है कि जिला प्रशासन ने अगर पीएम से मिलने की अनुमति नहीं दी तो शहीद का परिवार 16 फरवरी को अनशन और धरने पर बैठेगा ।
मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र के बहादुरपुर गांव निवासी अवधेश यादव पुलवामा हमले में शहीद हो गए थे। 16 फरवरी 2019 को उनका शव उनके पैतृक घर पहुंचा और पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। हालांकि शहीदों के लिए सरकार ने बड़े-बड़े दावे किए थे | लेकिन उन दावों पर सरकार खरी नहीं उतरी वही। शहीद अवधेश यादव की पत्नी शिल्पी यादव को चंदौली कलेक्ट्रेट में राजस्व विभाग में नौकरी दी गई लेकिन बुजुर्ग मां बाप के लिए सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया।
शहीद के पिता और भाई ने बताया कि एक साल से शहीद अवधेश की यादों में उनका गुजरा है। पिता ने रोते हुए अपने आप को संभाला और अपने दिल की बातें कहीं। शहीद के परिवार की मांग थी की गांव के सड़क का नाम शहीद के नाम पर किया जाए, शहीद की प्रतिमा लगाई जाए और शहीद ने गावं में जहां सेना भर्ती के लिए गावं के युवको के साथ तैयारी की थी, वहां मिनी स्टेडियम बनाया जाए और बूढ़े मां बाप के सहारे की लिए शहीद के छोटे भाई को सरकार नौकरी दें। शहीद की मां जो कैंसर की मरीज हैं उनके इलाज के लिए भी सरकार सहयोग करें, लेकिन 14 फरवरी 2020 को पुलवामा हमले के एक साल होने के बाद भी शहीद के परिवार को अब तक शहीद की पत्नी की नौकरी के अलावा कोई सहायता नहीं मिल पाई।
शहीद के पिता हरिकेश यादव का कहना है कि पुलवामा हमले के बाद घर पर कई मंत्री जिले के प्रभारी मंत्री कैबिनेट मंत्री आए, उन्होंने बड़े-बड़े वादे किए लेकिन कोई वादा पूरा नहीं किया। वही किसी तरह परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं। जबकि सिर्फ बहू को एक नौकरी दी गई वहीं प्रतिमा लगाने सड़क का नामकरण करने और मिनी स्टेडियम बनाने का जो आश्वासन मिला था वह आज तक पूरा नहीं हुआ। शहीद की पत्नी का भी कहना है कि सिर्फ उन्हें नौकरी मिली उसके बाद और जो मांग सरकार के सामने रखी गई थी वह पूरी नहीं हुई।
वहीं शहीद के भाई का कहना है कि 16 फरवरी को उनके गांव के बगल में स्थित पड़ाव इलाके में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आ रहे हैं। हम जिला प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि हमें उनसे मिलने का समय दिया जाए, हम अपने मन की बात अपने दिल की बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहना चाहते हैं। अगर जिला प्रशासन हमें मिलवाने के लिए समय नहीं देता है तो हम 16 फरवरी को पड़ाव में अनशन और धरने पर बैठेंगे।
BY- SANTOSH JAISWAL
Updated on:
14 Feb 2020 01:28 pm
Published on:
14 Feb 2020 09:02 am
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