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सागरमाला परियोजना के शीघ्र पूरी होने से जमीनी स्तर पर मिलेगा लाभ

केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना

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Benefits will be available from the completion of Sagarmala project

सागरमाला परियोजना के शीघ्र पूरी होने से जमीनी स्तर पर मिलेगा लाभ

चेन्नई. सागरमाला परियोजना केंद्र सरकार की दूरगामी और महत्वाकांक्षी परियोजना है। जरूरत है तो केवल इस परियोजना को समय रहते पूरा करने की ताकि इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ लोगों को जमीनी स्तर पर मिल सके। सीआईआई द्वारा आयोजित पोर्ट कॉन्क्लेव-२०१८ के समापन कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए पोर्टकॉन-२०१८ और चेन्नई पोर्ट के चेयरमैन पी. रवीन्द्रन ने कहा उनको यह देखकर काफी हर्ष महसूस हुआ कि इस परियोजना को लेकर काफी लोग उत्सुक हैं। कई उद्यमी व युवा विद्यार्थी इस परियोजना में रुचि दिखा रहे हैं। राज्य सरकार को स्थिति को भांपते हुए इस मौके का लाभ उठाना चाहिए। रवीन्द्रन ने अपने सुझाव देते हुए कहा सीआईआई को इस परियोजना के संबंध में २५ लोगों की टीम बनाकर उनके साथ हर महीने परियोजना के संबंध में नए विकास को साझा करें। साथ ही नई योजना व इनपुट की संभावनाओं पर भी विचार कर उसे संबंधित विभाग व मंत्रालय के पास कार्रवाई के लिए भेज दिया जाना चाहिए।

इस मौके पर कामराजर पोर्ट के कारपोरेट एंड बिजनेस डवलपमेंट विभाग के महाप्रबंधक संजय कुमार ने बताया कि सागरमाला परियोजना के तहत तूतीकोरिन, पूम्पहार और एण्णूर पोर्ट की पहचान की गई है। केंद्र और राज्य सरकार इस परियोजना के तहत पोर्ट के आसपास के इलाकों का विकास करने में लगी हुई है। यह विकास कार्य जून २०१९ तक पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि यहां विकसित क्षेत्र का विकास कर उद्योग धंघे लगाने के लिए निजी कंपनियों को यह जगह मुहैया कराई जाएगी।

इस परियोजना के शुरू होने से परिवहन की लागत कम होगी और भारत में बनी सामग्रियों को कम लागत पर देश के विभिन्न भागों और अंतरराष्ट्रीय बाजार में आसानी से भेजा जा सकेगा। संजयकुमार ने बताया कि एमएसएमई कार्यक्रम के तहत इन पोर्ट्स पर छोटी इकाइयों को अपना कार्य शुरू करने के लिए सरकार की ओर से विभिन्न प्रकार की मदद दी जाएगी। इस परियोजना की घोषणा के बाद से संबंधित इलाके के करीब छह हजार स्थानीय लोगों को परोक्ष व अपरोक्ष रूप से अब तक रोजगार का अवसर मिला है।