
ईरान में फंसे मछुआरों को वापस लाने के लिए सीएम ने पीएम को लिखा पत्र
चेन्नई. मुख्यमंत्री एडपाडी के. पलनीस्वामी ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ईरान में फंसे २१ मछुआरों को वापस लाने के लिए उचित कदम उठाने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री ने कहा है कि ईरान में फंसे तमिलनाडु के मछुआरों को न तो वापस आने की अनुमति दी जा रही है और न ही उनको काम करने दिया जा रहा है। ऐसे हालात को देखते हुए ईरान के भारतीय दूतावास को उचित कदम उठा कर मछुआरों की रिहाई का निर्देश देना चाहिए।
उन्होंने कहा रोजगार की शर्तों के अनुसार ईरानी मछुआरों को उनकी साझेदारी का भुगतान नहीं किया जा रहा है जिसके बाद मछुआरों के परिजनों ने अधिकारियों से मुलाकात कर जल्द से जल्द उनको वापस लाने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया था। मछुआरे अपनी आजीविका के लिए संघर्ष करने के साथ ही अपने परिजनों को पैसा भेजने में भी असमर्थ हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि कन्याकुमारी के ८, तिरुनेलवेली के ७ और तुत्तुकुड़ी के ६ मछुआरे ईरान में मछली पकडऩे का काम करते हैं और पिछले छह महीने से अपने काम में लगे हैं। लेकिन उनकी मेहनत के हिसाब से जब उनको उचित वेतन नहीं दिया गया तो उन्होंने वापस आने की मांग की।
इस पर उनको वापस भेजने से इंकार करते हुए उनका पासपोर्ट भी जब्त कर लिया गया। गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय मछुआरा विकास ट्रस्ट ने बुधवार को राज्य सरकार से फंसे मछुआरों को छुड़ाने का आग्रह किया था।
राज्य सरकार को मछुआरों के जल्द वतन वापसी की उम्मीद
ईरान में फंसे राज्य के 21 मछुआरों की जल्द वतन वापसी के लिए तमिलनाडु सरकार के अधिकारियों ने प्रयास तेज कर दिए हैं। अनिवासी तमिल पुनर्वास एवं कल्याण आयुक्त कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि मछुआरों की जल्द वतन वापसी के लिए विदेश मंत्रालय के साथ मिलकर राज्य सरकार के अधिकारी आवश्यक दस्तावेज मुहैया कराने में लगे हुए हैं। विदेश मंत्रालय के साथ बातचीत कर रहे इस अधिकारी ने बताया कि उन्हें उम्मीद है कि आने वाले एक-दो दिनों में जरूर कोई सफलता हासिल होगी। अधिकारी ने बताया कि उन्होंने विदेश मंत्रालय से ईरानी अधिकारियों के संपर्क में रहने का आग्रह किया है। उन्होंने यह भी कहा कि उन मछुआरों के आवास एवं यात्रा का खर्च भी राज्य सरकार ही वहन करेगी। इस मामले में राज्य सरकार, विदेश मंत्रालय एवं मछुआरों के परिजनों के साथ समन्वय कर रहे नेशनल डोमेस्टिक वर्कर्स मूवमेंट (एनडीडब्ल्यूएम) नामक एक एनजीओ के मुताबिक कन्याकुमारी जिले के राजकमांगलम के मंगला ट्रैवल्स एवं एंटोनी नामक एक गैर पंजीकृत भारतीय एजेंट ने इन मछुआरों को पर्यटक वीजा द्वारा दुबई भेजा था। दरअसल मंगला ट्रैवल्स की मदद से एंटोनी ने हवाई टिकट एवं वीजा के नाम पर इन मछुआरों से मोटी रकम वसूल की थी।
Published on:
22 Jun 2018 05:08 pm
बड़ी खबरें
View Allचेन्नई
तमिलनाडु
ट्रेंडिंग
