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मास्क मुंह पर है और न सोशल डिस्टेंसिंग का पालन

ज्यादा चिंता की बात है कि अब संक्रमण ने शहरी इलाकों को छोड़ ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से पांव पसारना शुरू कर दिया है। लोगों की यह सोच कि कोरोना संक्रमण का खतरा खत्म हो गया है गलत है। अभी भी संक्रमण का प्रभाव व प्रसार पहले जितना ही है। इसके बढऩे का कारण सरकार द्वारा नियमों में दी गई है।

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मास्क मुंह पर है और न सोशल डिस्टेंसिंग का पालन

मास्क मुंह पर है और न सोशल डिस्टेंसिंग का पालन

वेलूर. देश में कोरोना संक्रमण लगातार कहर बरपा रहा है और दिनोंदिन इसकी चपेट में आने वालों की तादाद बढ़ती ही जा रही है। अफसोस की बात यह है कि इससे बचाव एवं संक्रमण पर लगाम लगाने के सरकारी दिशा निर्देशों का पालन ही नहीं हो रहा हैं। तमिलनाडु में तमाम उपायो, सावधानियों एवं सख्ती के बावजूद कोरोना संक्रमण अपने पैर समेटने को तैयार नहीं है। रोजाना 5 हजार से ज्यादा संक्रमित सामने आ रहे हैं। हालांकि कुछ जिलों में संक्रमित कम हो रहे हैं लेकिन चेन्नई, कोयम्बत्तूर जैसे जिलों में कम होकर भी फिर बढ़ गए हैं। ज्यादा चिंता की बात है कि अब संक्रमण ने शहरी इलाकों को छोड़ ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से पांव पसारना शुरू कर दिया है। लोगों की यह सोच कि कोरोना संक्रमण का खतरा खत्म हो गया है गलत है। अभी भी संक्रमण का प्रभाव व प्रसार पहले जितना ही है। इसके बढऩे का कारण सरकार द्वारा नियमों में दी गई है।
्रग्रामीणों में जागरूकता की कमी
वैसे शहरों में तो लोग फिर भी सरकारी गाइडलाइन का पालन करते हैं लेकिन ग्रामीण तो ऐसा लगता है उनको सरकारी नियमों का पता ही नहीं है। इसलिए ग्रामीणों में जागरूकता लाने की जरूरत है। यही कारण है कि चाहे मनरेगा के तहत कार्य कर रही महिलाएं हो या जूता फैक्टरी में कार्य करने वाले कर्मचारी बिना मास्क पहने व सामाजिक दूरी का पालन किए आवागमन करते हैं। अनलॉक के बाद से ग्रामीण क्षेत्रों के होटलों व चाय दुकानों में भी लोगों की भीड़ हमेशा लगी रहती है। वेलूर जिले में भी कोरोना संक्रमित कम नहीं हो रहे हैं। प्रशासन की अनदेखी से लोग बिना मास्क के घूम रहे हैं, होटलों में भी मास्क के बिना व सामाजिक दूरी का पालन किए लोग साथ बैठ कर खाना खा रहे हैं। ऐसे में सरकार को छूट के साथ सख्त कदम भी उठाने चाहिए।