इस डिवाइस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत चिकित्सा मानकों के अनुसार मद्रास मेडिकल कॉलेज, कावेरी अस्पताल और एमआइटी बोस्टन के मार्गदर्शन में तैयार किया गया। ये स्टैंर्डड बिजली कनेक्शन पर कम्पे्रस्ड एयर और ऑक्सीजन के बिना भी काम कर सकता है। इस कारण इसे दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों, एम्बुलेंस और गैर आईसीयू वार्ड में उपयोग किया जा सकता है।
आइआइटी एम के इलेक्ट्रिकल इंजिनियरिंग के प्रो. डॉ. जयराज जोसेफ ने कहा कि इसे अस्पताल में आपातकक्ष, आइसीयू से सामान्य वार्ड में शिफ्ट करते समय और एम्बुलेंस में भी उपयोग किया जा सकता है । उन्होंने स्पष्ट किया कि ये घरेलू उपयोग के लिए नहीं है।
ब्रेक इंडिया के उप प्रबंध निदेशक श्रीराम वीजी ने कहा कि कोरोना काल के बाद भी ये उपकरण उपयोगी होगा क्योकि मेक इन इंडिया के तहत ये स्थानीय स्तर पर बनाया जा रहा है इसलिए ये कम लागत में उपलब्ध होगा।
कावेरी अस्पताल के गहन चिकित्सा के मुख्य चिकित्सक डॉ. श्रीधर के अनुसार ये डिवाइस आइसीयू में और एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में ले जाते समय बहुत उपयोगी है।
कावेरी अस्पताल के सीईओ डॉ. एस. अरविंदन का कहना था कि देश में लगभग 80 प्रतिशत चिकित्सा उपकरणों को आयात किया जाता है, देश में निर्मित इस तरह किफायती वेटिंलेटर स्वास्थ्य देखभाल की लागत को कम करने में मदद करेंगे।