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सीआरपीएफ में उप कमांडेन्ट एस.एल. कुमावत ने दी विशेष सेवाएं

आवड़ी स्थित सीआरपीएफ के रिक्रूट प्रशिक्षण केन्द्र (आरटीसी) में उप कमांडेंट के पद पर कार्यरत एस.एल.कुमावत ने कोरोना के दौरान सराहनीय कार्य किया है। कुमावत मूल रूप से राजस्थान के जयपुर जिले के चौमूं तहसील के निवाना के रहने वाले हैं। मार्च 2014 में कठुआ जिले के जंगलकोट स्थित आर्मी कैंप पर तीन आतंकवादियों ने हमला किया था तब प्रभावी तरीके से उनका घेराव कर तीनों को मार गिराया।

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CRPF deputy Commandant S.L. Kumawat

CRPF deputy Commandant S.L. Kumawat

चेन्नई. देश की आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों से बखूबी जूझने वाली केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने कोरोना से निबटने में भी अपनी अभूतपूर्व भूमिका निभाई है। इस दौरान बल के कई अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने अपनी विशेष सेवाएं प्रदान कीं। आवड़ी स्थित सीआरपीएफ के रिक्रूट प्रशिक्षण केन्द्र (आरटीसी) में उप कमांडेंट के पद पर कार्यरत एस.एल.कुमावत ने भी कोरोना के दौरान सराहनीय कार्य किया है। लाकडाउन लागू होते समय कांस्टेबलों के एक बैच का प्रशिक्षण चल रहा था। ऐसे दौर में प्रशिक्षण काफी चुनौतीपूर्ण कार्य था। लेकिन बल के अधिकारियों के विशेष मार्गदर्शन में 24 अप्रेल को विशेष पासिंग आउट परेड में प्रशिक्षण पूरा किया गया।
अगले बैच को नई गाइडलाइन के अनुसार प्रशिक्षण
इस दौरान सरकारी गाइडलाइन के अनुसार ही इनकी पासिंग आउट हुई। सभी ने मास्क लगाकर परैड में हिस्सा लिया। इस बैच में 105 प्रशिक्षु सीआरपीएफ में शामिल हुए। हालांकि कोविड-19 के प्रकोप एवं लाकडाउन के चलते ये प्रशिक्षु अभी अपनी यूनिट में नहीं जा सके हैं और अगले आदेश के अनुसार ही इन्हेंं संबंधित यूनिटों में भेजा जाएगा। फिलहाल किसी बैच का प्रशिक्षण नहीं चल रहा है। अगले बैच का प्रशिक्षण भी नई गाइडलाइन के अनुसार ही होगा। हालांकि इस बीच बल में आनलाइन क्लासेज की पूरी तैयारी कर ली गई है।
जरुरतमन्दों में राशन सामग्री वितरण
कुमावत ने बताया कि बल के अधिकारियों व कर्मचारियों के सहयोग से आसपास के इलाके में रहने वाले जरूरतमन्द लोगों को राशन सामग्री का वितरण किया जिसमें चावल, दाल, चीनी, सब्जी व अन्य सामग्री थी। साथ ही आसपास के इलाकों में जागरुकता का संचार किया गया। सीआरपीएफ परिसर के अन्दर क्वारेन्टाइन सेन्टर भी बनाया गया था। यहां भी समय-समय पर विशेष निर्देश दिया गया और उसकी पालना करवाई गई। सीआरपीएफ के मुख्य द्वार पर भी जागरुकता को लेकर संदेश चस्पा किए गए। हालांकि इस बीच परिसर में सीआरपीएफ की दैनिक गतिविधियां चालू है। लेकिन प्रशिक्षण फिलहाल नहीं दिया जा रहा है।
देश के विभिन्न भागों में दी हैं सेवाएं
कुमावत मूल रूप से राजस्थान के जयपुर जिले के चौमूं तहसील के निवाना के रहने वाले हैं। वर्ष 1991 में चौमूं के पास कालाडेरा से बीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण की। वर्ष 1993 में सीआरपीएफ में उप निरीक्षक के पद पर चयन हो गया। बाद में 2003 में निरीक्षक पद पर पदोन्नति मिली। वर्ष 2007 में राजपत्रित अधिकारी सहायक कमांडेन्ट बने। वर्ष 2015 में उप कमांडेंन्ट के पद पर पदोन्नत हुए। अब तक आप देश के विभिन्न हिस्सों में सेवाएं दे चुके हैं।असम, जम्मू-कश्मीर, मनिपुर में सेवा दी। 2004 से 2009 तक राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) में सेवाएं दीं। एनएसजी में विशेष दक्ष लोगों को ही शामिल किया जाता है जो अपने आप में एक महत्वपूर्ण है। पश्चिम बंगाल के पश्चिम मेदनपुर जिले में सेवाएं दी जो काफी नक्सलप्रभावित है। शिवपुरी (मध्यप्रदेश) में काउन्टर इन्सरजेन्सी व एन्टी टेरेरिस्ट कोर्स में आल राउण्ड बेस्ट कमांडों का खिताब प्राप्त किया।
आतंकवादियों के हमले को किया नेस्तनाबूद
मार्च 2014 में कठुआ जिले के जंगलकोट स्थित आर्मी कैंप पर तीन आतंकवादियों ने हमला किया था तब प्रभावी तरीके से उनका घेराव कर तीनों को मार गिराया। इस साहसिक योगदान के लिए महानिदेशक की ओर से प्रशंसा पत्र प्रदान किया गया। वर्ष 2014 में जम्मू कश्मीर में लोकसभा व विधानसभा चुनाव के दौरान सभी चरणों में कंपनी का कुशल नेतृत्व किया। तब भी महानिदेशक व महानिरीक्षक (परिचालन) जम्मू की ओर से प्रशंसा पत्र दिया गया।सीआरपीएफ डिफू (आसाम) के उग्रवादी प्रभावित इलाके में सेवाएं दीं। इस दौरान भी उच्च ग्रेडिंग व उच्च प्रशिक्षण क्षमता प्राप्त की।