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मिट्टी से बनी गणेश मूर्तियों का वितरण

मिट्टी से बनी गणेश मूर्तियों को को पूजा में रखने की अपील

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Distribution of Ganesha statues made of clay

मिट्टी से बनी गणेश मूर्तियों का वितरण

नेल्लोर. बुधवार को शहर के आचारी स्ट्रीट में गणेश पंडाल के पास मिट्टी से बनी गणेश मूर्तियों का वितरण किया।
लाइंस क्लब ऑफ पिनाकनी नेल्लोर और स्थानीय गणेश पंडाल के आयोजक वेलुरु महेश एवं पार्षद वेलुरु सुधारनी ने पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली मूर्तियों का उपयोग नहीं करने की अपील की। मिट्टी से बनी गणेश मूर्तियों को को पूजा में रखने की अपील की।

मूर्तियां बनाने के लिए मिट्टी मिलने में हो रही है दिक्कत

करुर. विनायक चतुर्थी के आते ही बाजार में भगवान गणेश की तरह-तरह की मूर्तियां दिखाई देने लगी हैं। कहीं छोटी तो कहीं बड़ी, कहीं मिट्टी तो कहीं फलों से बनी गणेश प्रतिमाएं लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही हैं। हालांकि जहां एक तरफ यह त्यौहार लोगों की आस्था एवं विश्वास से जुड़ा हुआ है वहीं दूसरी ओर इससे कई लोगों को राजगार भी प्राप्त होता है। शहर के तंतोनीमलैै मंदिर के निकट रहने वाली 45 वर्षीय अमृतावल्ली विनायक चतुर्थी के दौरान मिट्टी से मूर्तियां बनाने का काम करती है। इस मंदिर के आसपास के लोग भारी संख्या में इनके घर आकर भगवान गणेश की हाथ से बनी मिट्टी की मूर्तियां खरीदते हैं। पिछली चार पीढिय़ों से अमृतावली का परिवार इस रोजगार में लगा हुआ है। हालांकि उन्होंने खेद प्रकट करते हुए कहा कि सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिलने के कारण काफी लोगों ने यह काम छोड़ दिया है। उन्होंने बताया कि वैसे तो इन मूर्तियों की कीमत 100 रुपए है लेकिन नियमित ग्राहक इसे केवल 60-70 रुपए में ही खरीदते हैं। उन्होंने बताया कि वे लगभग पिछले 20 सालों से लोगों के लिए मूर्ति बनाने का काम कर रही हैं। हर साल वह केवल विनायक चतुर्थी के दौरान ही मूर्तियां बनाती है। हालांकि उन्होंने कहा कि कई बार उन्हें इसके लिए मिट्टी प्राप्त करने में काफी कठिनाई भी होती है लेकिन हर साल भारी संख्या में लोगों के आने के कारण वे यह काम बंद नहीं कर सकतीं।

उन्होंने कहा कि वे अपने यहां मूर्ति के लिए आने वाले को कभी भी खाली हाथ नहीं भेजती। हर साल उन्हें विनायक चतुर्थी के कुछ दिन पहले ही मूर्तियों का ऑर्डर मिल जाता है और वे आमुर के सीतापट्टी के तालाब से मिट्टी निकालकर मूर्ति बनाना शुरू कर देती हैं। पिछले कुछ सालों के दौरान तालाबों पर इमारतें बन जाने के कारण मिट्टी प्राप्त करने में काफी दिक्कत होती है। उन्होंने बताया कि दूसरे मिट्टी के बर्तन बनाने वालों की तरह ही काफी पहले उनके पास भी एक बड़ी कार्यशाला थी लेकिन अब नहीं है।

तक्षशिला स्कूल के विद्यार्थियों ने मनाया गणेश पर्व

वेलूर. आंबूर स्थित तक्षशिला स्कूल में बुधवार को गणेश चतुर्थी के मद्देनजर विद्यार्थियों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ भगवान गणेश की पूजा कर उनकी बाल लीलाओं को नाटक के रूप में प्रस्तुत किया।