
गरीबी और बदहाली के जख्म पर जिला कलक्टर ने लगाया मदद का मरहम
तिरुपत्तूर. आधुनिकता की चमक-धमक के चक्कर में आदमीयत से दूर होते जा रहे इन्सानों के सामने तिरुपत्तूर के जिला कलक्टर डी. भास्कर पांडियन ने मानवता की अनोखी मिशाल पेश करने का काम किया है। उन्होंने एक ऐसी किशोरी को बचाने का काम किया जिसके भरण-पोषण में विफल होने के कारण उसके अभिभावकों ने कथित तौर उसे स्कूल जाने से रोक दिया था।
कलक्टर ने कराया शिक्षा और सुरक्षा का इंतजामकलक्टर ने न केवल उसे बचाया बल्कि जिले के आदि द्रविड़ कल्याण छात्रावास में भेजकर उसके आगे की शिक्षा का इंतजाम भी कर दिया। जानकारी के मुताबिक मदापल्ली निवासी इस किशोरी के माता-पिता की कुल चार संतानें हैं। इनमें एक बेटा और तीन बेटियां हैं। सबसे बड़ी बेटी की शादी हो चुकी है तथा तीन अन्य स्कूली विद्यार्थी हैं। पीडित किशोरी भी शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में कक्षा 9 में नामांकित थी। दरअसल परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण उसके माता-पिता ने उसके स्कूल जाने पर प्रतिबंध लगा दिया। जब इसकी जानकारी जिला कलक्टर को मिली तो वे किशोरी के घर गए और देखा कि उस घर में बिजली कनेक्शन तक नहीं था।
नहीं हो पाता था दो जून के भोजन का इंतजामइसके अलावा घर में भोजन की भी कोई व्यवस्था नहीं थी। दिहाड़ी मजदूर पिता कभी भोजन खरीदकर लाते तो कभी रिश्तेदार उन बच्चों के लिए भोजन भेज देते। आर्थिक तंगहाली के कारण बच्चों की उचित देखभाल तक नहीं हो पा रही थी। जिला कलक्टर ने बताया कि जब मैंने उस किशोरी से छात्रावास में भर्ती होने के बारे में पूछा तो वह खुशी-खुशी मेरे साथ चली आई। हम उसकी उचित देखभाल और शिक्षा सुनिश्चित करेंगे। इसके बाद अपना वादा निभाते हुए उन्होंने उसे मीनाक्षी राजकीय बालिका उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में दाखिल करा दिया। इसके अलावा कलक्टर ने अधिकारियों को किशोरी के परिवार के लिए बिजली कनेक्शन और कुछ ऋण की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
स्कूल जाने से रोकने पर कार्रवाई की चेतावनीइस दौरान उन्होंने अभिभावकों को चेतावनी देते हुए कहा कि बच्चों को उचित भोजन नहीं देने और उन्हें स्कूल जाने से रोकने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। स्थिति को देखते हुए उन्होंने अभिभावकों के लिए परामर्श सत्र का भी इंतजाम किया है। कलक्टर पांडियन ने कहा कि अन्य दो बच्चे माता-पिता के साथ रहते हैं। हम उनके लिए भी कुछ वित्तीय व्यवस्था करने में लगे हुए हैं। बच्चों का कल्याण सुनिश्चित करने के लिए हम नियमित रूप से उसकी निगरानी भी करेंगे। इसके अलावा इसका भी ध्यान रखा जा रहा है कि बच्चों के पास जन्म प्रमाणपत्र और आधार कार्ड नहीं है। जिला कलक्टर के इस कदम की हर तरफ सराहना हो रही है।
Published on:
22 Sept 2023 10:54 pm
बड़ी खबरें
View Allचेन्नई
तमिलनाडु
ट्रेंडिंग
