उन्होंने कहा वर्ष 2011 में मुख्यमंत्री बनने के बाद स्वर्गीय जे. जयललिता ने 2006 से 2011 के बीच डीएमके के पदाधिकारियों द्वारा हथियाए गए लगभग 14 हजार एकड़ भूमि को पुन: प्राप्त करने के लिए भूमि हथियाने का निषेध अधिनियम लाया था। ऐसे में अगर एक बार फिर से डीएमके की सत्ता वापसी हुर्ई तो राज्य में पूरी तरह से कानून तोड़ा जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि एआईएडीएमके सरकार के दौरान ही राज्य की कानून व्यवस्था सही से बनी रहती है और लोग शांतिपूर्ण जीवन व्यतित करते हैं। डीएमके एक परिवार द्वारा संचालित पार्टी ैहै। स्टालिन खुद को मुख्यमंत्री बनाने का सपना देख रहे हैं और उनके बेटे उदयनिधि स्टालिन पहले ही मुख्यमंत्री जैसा व्यवहार करने लगे हैं और जनता से वादा करने में लगे हैं।
डीएमके में दयानिधि मारन समेत कई अन्य नेता भी हैं जो सीएम बनने का सपना देख रहे हैं। इस प्रकार से डीएमके की सत्ता आर्ई तो कई पावर सेंटर काम करेंगे और लोगों की शांति भंग करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि एआर्ईएडीएमके की भारी मतों से जीत होगी, क्योंकि राज्य की जनता पार्टी के साथ है। पार्टी कार्यकर्ताओं को लिखे एक पत्र में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम ने कहा कि ओपिनियन पोल पर भरोषा नहीं करें, क्योंकि सभी को पता है कि पहले भी ओपिनियन पोल का परिणाम पूरी तरह से गलत साबित हुआ है। अम्मा और एमजीआर के समय भी ओपिनियन पोल गलत साबित हो चुके हैं। इसलिए इस पर यकिन करने के बजाय पार्टी कार्यकर्ताओं को जीत सुनिश्चित करने के लिए कार्य करना चाहिए।